भोपाल ! मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले को लेकर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार द्वारा पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को लिखे गए पत्र पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बचाव करने पूर्व सांसद कैलाश सारंग सामने आए हैं। सारंग ने शांता कुमार को पत्र खिलकर कहा है, ‘व्यापमं को लेकर लगे आरोपों से नहीं आपके द्वारा लिखे गए पत्र से कार्यकर्ता का सिर शर्म से झुका है।’ सारंग की गिनती जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में है। उन्होंने शांता कुमार के पत्र पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए बुधवार को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में सारंग ने कहा है कि व्यापमं की जांच की शुरुआत तो मुख्यमंत्री ने ही की थी, उसी के बाद मामला सीबीआई को गया। बेहतर होता कि चौहान को इस काम के लिए उनकी प्रशंसा की जाए।
उन्होंने लिखा है कि कांग्रेस के झूठे आरोपों से पार्टी का कार्यकर्ता लड़ाई लड़ रहा है, आपके पत्र ने इस लड़ाई को कमजोर किया है। कार्यकर्ता हतोत्साहित हैं, उसका सिर इस पत्र के चलते शर्म से झुका है। इस पत्र से लगता है कि आप अपना स्वार्थ पूरा करना चाहते हैं, यही कारण है कि इसे मीडिया में दिया गया है।
ज्ञात हो कि शांता कुमार ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखा था जो मंगलवार को ही मीडिया के हाथ लगा। इस पत्र में उन्होंने कहा था कि व्यापमं घोटाले से भाजपा का सिर शर्म से झुक गया है। साथ ही पार्टी में आचार समिति के गठन का सुझाव भी दिया था।
इससे पहले शांता कुमार का पत्र सामने आने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार की रात को पत्र लिखकर जवाब दिया। चौहान ने लिखा, “अपनी पार्टी के नेताओं पर विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोपों के संबंध में जानकारी प्राप्त किए बिना चिंता व्यक्त करना अनावश्यक और अनपेक्षित है। अन्य राज्यों से संबंधित तथ्यात्मक जानकारी लेने में अगर कठिनाई थी, तो पहले हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के कार्यकाल में हो रहे भ्रष्टाचार प्रकरणों में जन-आंदोलन का आह्वान श्रेयस्कर हेाता।”
चौहान ने व्यापमं को लेकर सफाई देते हुए लिखा है, “जहां तक व्यापमं मामले का प्रश्न है, मैंने इसे एसटीएफ को सौंपा ताकि निष्पक्षता एवं दक्षता से जांच हो, इस व्यवस्था के कारण अल्प समय में न्यायालय में चालान प्रस्तुत हुए और अपराधियों को सजा मिलना भी शुरू हुई। हाईकोर्ट ने एसटीएफ की जांच की प्रशंसा कर इसे निष्पक्ष तथा सही दिशा में होना पाया।”
उच्च न्यायालय ने कांग्रेसी नेताओं के संबंध में कहा कि उन्होंने जांच को भ्रमित करने के उद्देश्य से आरोप लगाए हैं, उन पर सवाल उठाए और पेश की गई पेनड्राइव को भी फर्जी निरुपित किया। चौहान ने अपने पत्र के साथ शांता कुमार को व्यापमं के बारे में विस्तृत ब्यौरा भी भेजा है।