भोपाल ! मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा रविवार को केंद्रीय जेल से रिहा हो गए। शर्मा की रिहाई के बाद उनके समर्थकों ने राजधानी से लेकर विदिशा तक में जश्न मनाया। गौरतलब है कि प्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को सात मामलों में आरोपी बनाया गया था और उन्हें एसटीएफ ने 16 जून 2014 को गिरफ्तार किया था। तभी से वे भोपाल की केंद्रीय जेल में बंद थे।
शर्मा को बीते दिनों एक-एक कर मामले में जमानत मिलती गई और शुक्रवार को उच्च न्यायालय जबलपुर के न्यायाधीश एस केमकर व न्यायाधीश केके त्रिवेदी की युगलपीठ ने आरक्षक भर्ती घोटाला मामले में जमानत दे दी थी। इस मामले में जमानत मिलने के बाद शनिवार को जिला न्यायालय से रिहाई का आदेश हुआ मगर रिहाई आदेश जेल रात में पहुंचने पर शर्मा की रिहाई नहीं हो पाई थी, रविवार को उनकी रिहाई हो गई।
भोपाल जेल के बाहर शर्मा के समर्थकों का रविवार सुबह से ही जमावड़ा शुरु हो गया था और शर्मा के जेल से बाहर आते ही उनके कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदोर स्वागत किया। शर्मा 16 जून 2014 से जेल में थे। इस दौरान उन्हें भाजपा ने सदस्यता से भी निष्कासित कर दिया था।
पूर्व मंत्री शर्मा के खिलाफ सात मामले दर्ज थे, डाटा एंट्री आपरेटर भर्ती घोटाले, संविदा वर्ग दो व वर्ग तीन तथा खाद्य निरीक्षक घोटाला, परिवहन भर्ती घोटाले तथा वन रक्षक भर्ती घोटाला मामले में उन्हें जिला न्यायालय भोपाल से जमानत मिल गई थी। आरक्षक (कांस्टेबल) भर्ती घोटाला मामला दर्ज होने के कारण वह न्यायिक अभिरक्षा में थे। उक्त प्रकरण में भी शुक्रवार को उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई थी और रविवार को वे रिहा हो गए।
रिहाई के बाद शर्मा के समर्थकों ने जेल के बाहर नाच-गाकर अपनी खुषी का न केवल इजहार किया बल्कि अपने नेता को माला पहनाकर और गुलाल-अबीर का टीका लगाकर उनका स्वागत किया।
भोपाल के केंद्रीय जेल से रिहा होने के बाद शर्मा ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि उन्हें न्यायालय और जांच एजेंसियों पर पूरा भरोसा है। जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके खिलाफ किसी ने साजिश रची थी तो उनका जवाब था कि यह तो भगवान जाने।
ज्ेाल से रिहा होने के बाद शर्मा ने परिसर में ही स्थित मंदिर में पूजा की और वहां मौजूद अपने समर्थकों से मुलाकात की। इस मौके पर बड़ी संख्या में पहुंचे समर्थकों ने शर्मा का जोरदार स्वागत किया।
रिहाई के बाद शर्मा अपने समर्थकों के काफिले के साथ राजधानी स्थित परिजनों के आवास पर पहुंचे। उसके बाद वे विदिशा जिले में अपने गृहग्राम को प्रस्थान कर गए। गृहनगर और गृह ग्राम में शर्मा का जोरदार स्वागत किया गया।
व्यापमं के एक अन्य आरोपी राज्यपाल के पूर्व ओएसडी धनराज यादव को भी शनिवार को जमानत मिल गई थी और रात को जेल से रिहा भी हो गए थे।
ज्ञात हो कि राज्य में इंजीनियरिंग कालेज, मेडीकल कॉलेज में दाखिले से लेकर विभिन्न विभाग की भर्तियों की परीक्षा व्यापमं आयोजित करता है। इन दाखिलों और भर्तियों में हुई गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद जुलाई 2013 में पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इस मामले की पहले एसटीएफ और फिर उच्च न्यायालय के निर्देश पर एसआईटी ने जांच की।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर वर्तमान में सीबीआई जांच कर रही है। सीबीआई जांच से पहले एसटीएफ 2100 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी थी। वहीं कथित तौर पर इससे जुड़े 48 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें आजतक न्यूज चैनल के पत्रकार अक्षय सिंह की मौत भी शामिल है।