भोपाल !  मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच केंदीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराए जाने को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दिए गए अनुरोध पत्र (आवेदन) पर उच्च न्यायालय जबलपुर ने बुधवार को मामले की सुनवाई टाल दी। अब इस मामले में 20 जुलाई को सुनवाई होगी। राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्पेंद्र कौरव ने बुधवार को आईएएनएस को बताया, “मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से व्यापमं मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का अनुरोध किया गया था। इस मामले पर बुधवार को न्यायालय ने कहा कि मामला सर्वोच्च न्यायालय में है, लिहाजा वह सुनवाई की तारीख बढ़ता है, अब इस आवेदन पर 20 जुलाई को सुनवाई करेगा।”

कांग्रेस सहित अन्य लोगों द्वारा व्यापमं मामले की जांच सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में सीबीआई से कराने की मांग को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है। इस पर गुरुवार नौ जुलाई को सुनवाई होने वाली है।

राज्य में व्यापमं घोटाले से जुड़े लोगों की हो रही मौतों को लेकर मचे हंगामे के बाद मुख्यमंत्री चौहान ने मंगलवार को सीबीआई जांच के लिए उच्च न्यायालय से पत्र लिखने का ऐलान किया था और शाम को यह अनुरोध पत्र न्यायालय में दाखिल भी कर दिया गया था।

राज्य में व्यापमं घोटाले की जांच के लिए उच्च न्यायालय द्वारा गठित एसआईटी की देखरेख में एसटीएफ जांच कर रही है। इस जांच को लेकर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं और लगातार सीबीआई जांच की मांग उठती आ रही है।

राज्य में व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) वह संस्था है जो इंजीनियरिंग कालेज, मेडीकल कॉलेज में दाखिले से लेकर वे सारी भर्ती परीक्षाएं आयोजित करता है, जो मप्र लोक सेवा आयोग आयोजित नहीं करता है। मसलन पुलिस सब इंस्पेक्टर, आरक्षक, रेंजर, शिक्षक आदि। इन दाखिलों और भर्तियों में हुई गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद जुलाई 2013 में पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इस मामले में अब तक 2100 गिरफ्तारियां हो चुकी है।

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