भोपाल ! सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच कर रहे केद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को आठ और प्राथमिकी दर्ज की है। इस तरह अब दर्ज की गई प्राथमिकी की संख्या 27 हो गई है। सीबीआई के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, शनिवार को दर्ज की गई आठ प्राथमिकी में पहली वर्ष 2011 की पीएमटी परीक्षा को लेकर है, जिसमें 22 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इस परीक्षा के जरिए पांच छात्रों ने रीवा के चिकित्सा महाविद्यालय में प्रवेश पाया था। इनके खिलाफ 29 अप्रैल 2013 को रीवा के सिविल लाइन थाने में मामला दर्ज किया गया था।
सीबीआई ने दूसरी प्राथमिकी वर्ष 2012 की पीएमटी केा लेकर दर्ज की गई है। इस मामले में कुल 28 लोगों को आरोपी बनाया गया है। व्यापमं द्वारा आयोजित परीक्षा के जरिए 10 छात्रों ने रीवा के चिकित्सा महाविद्यालय में प्रवेश पाया था। 13 नवंबर 2013 को रीवा के सिविल लाइन में मामला पहले से दर्ज है।
सीबीआई ने तीसरी प्राथमिकी वर्ष 2013 में आयोजित पुलिस आरक्षक (कांस्टेबल) भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर दायर की है। इस मामले में दो लोगों को आरोपी बनाया गया है। चौथी प्राथमिकी पीएमटी 2009 को लेकर है। इसमें छह लोगों को आरोपी बनाया गया है, इसमें पांच आरोपी वे हैं, जिन्होंने भोपाल के गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में दाखिला पाया था। पांचवीं प्राथमिकी पीएमटी 2009 को लेकर है, जिसमें दो लोगों को आरोपी बनाया गया है।
सीबीआई के अनुसार, छठी प्राथमिकी पीएमटी 2009 को लेकर है, इस मामले में एक व्यक्ति को आरोपी बनाया गया है। सातवीं वर्ष 2012 में आयोजित पुलिस आरक्षक (कांस्टेबल) भर्ती परीक्षा के मामले में है। इस प्रकरण में एक व्यक्ति को आरोपी बनाया गया है। आठवीं प्राथमिकी वर्ष 2012 में आयोजित पुलिस आरक्षक (कांस्टेबल) भर्ती परीक्षा को लेकर है, इसमें दो लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है।
सीबीआई द्वारा शनिवार को दर्ज की गई आठ प्राथमिकी में धोखाधड़ी, साजिश सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किए गए हैं। यह मामले स्थानीय पुलिस द्वारा पूर्व में ही दर्ज किए जा चुके थे।
सीबीआई ने व्यापमं घोटाले की जांच सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर 9 जुलाई को शुरू की थी। सीबीआई द्वारा शनिवार को आठ और प्राथमिकी दर्ज किए जाने से अब तक दर्ज की गई प्राथमिकी की संख्या 27 हो गई है।