इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में स्थित श्री वैष्णव पॉलिटेक्निक कॉलेज में एक लेक्चरार (व्याख्याता) द्वारा छात्राओं को प्रताडित करने का मामला सामने आया है। लेक्चरार छात्राओं को अपने साथ फिल्म-होटल चलने के लिए दबाव डालता है। उसके इस भद्दे व्यवहार से परेशान छात्राएं कॉलेज छोड रही हैं। एक छात्रा द्वारा दूसरे शहर में ट्रांसफर लेने के बाद भी लेक्चरार की हरकतें नहीं रुकीं तो पूर्व और मौजूदा विद्यार्थियों ने कॉलेज के अधिकारियों से लेक्चरार की अश्लील हरकतों की शिकायत की। प्रबंधन ने कार्रवाई तो दूर, मामले में जांच तक नहीं की।

छात्रों के मुताबिक पिछले दिनों सिविल ट्रेड की एक छात्रा ने लेक्चरार की प्रताडना से परेशान होकर कॉलेज छोड दिया। कई और छात्राएं लेक्चरार की हरकतों से परेशान हैं। वह कक्षा और लैब में छात्राओं पर बुरी निगाह डालता है, छूने की कोशिश करता है। कई छात्राओं पर उसने अपने साथ बाहर चलने का दबाव भी बनाया। कॉलेज में 60 प्रतिशत अंक पढाने वाले लेक्चरार के हाथ में रहते हैं, लिहाजा फेल होने के डर और शर्म के कारण ज्यादातर छात्राएं शिकायत ही नहीं कर पाती हैं। ताजा मामले में भी कॉलेज के मौजूदा छात्रों ने पूर्व छात्रों से संपर्क किया। सीनियर छात्रों की मदद से प्राचार्य डॉ. राजेश सोडानी तक शिकायत पहुंचाई गई। विद्यार्थियों का आरोप है कि दो पीडित छात्राओं से प्राचार्य की बात तक करवा दी गई। शिकायत हुए भी महीनेभर से ज्यादा हो गया। कार्रवाई नहीं होने से शिकायत करने वाली छात्राएं डरी हुई हैं।

वैष्णव पॉलिटेक्निक सरकार द्वारा 100 प्रतिशत अनुदान वाला कॉलेज है। कलेक्टर इसके शासी निकाय के अध्यक्ष होते हैं। यहां एडमिशन लेने वाले ज्यादातर बाहर के विद्यार्थी होते हैं। अभी करीब डेढ हजार विद्यार्थी हैं। इनमें करीब 200 लडकियां हैं। यहां के वर्तमान और पूर्व विद्यार्थियों का आरोप है कि लेक्चरार की हरकतों की जानकारी देने और छात्राओं के आपबीती सुनाने के बाद भी कॉलेज प्रबंधन ने कोई कार्रवाई नहीं की। जानकारी लेने पहुंचे तो विद्यार्थियों से कह दिया गया कि लिखित शिकायत और बयानों के बिना कार्रवाई नहीं की जाती। छात्रों का आरोप है कि कॉलेज की यूनियन से जुडे होने के कारण लेक्चरार को बचाया जा रहा है।

श्री वैष्णव पॉलिटेक्निक के प्राचार्य डॉं. राजेश सोडानी ने बताया कि शिकायत या कोई जानकारी देने के लिए मैं बाध्य नहीं हूं। क्या हुआ और क्या नहीं, इस बारे में मैं कुछ नहीं कहना चाहता। कलेक्टर व अन्य अधिकारी हमारे प्रशासक हैं। हम उनके द्वारा तलब किए जाने पर किसी भी प्रकरण की जानकारी प्रस्तुत कर देते हैं।

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