लखनऊ। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल करार देते हुये अपना दल अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने कहा कि पंचायत चुनाव व्यवस्था परिवर्तन की दिशा तय करेगा। पटेल ने महिला दिवस के मौके पर आयोजित पार्टी की मासिक बैठक में रविवार को कार्यकर्ताओं से कहा कि पंचायत चुनाव में पार्टी पूरी दमखम के साथ उतरेगी। 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले पंचायत चुनाव हमारे लिए सेमीफाइनल है। 

उन्होने कहा कि पंचायत चुनाव के लिये के लिये किसी भी उम्मीदवार का फैसला जिला स्तरीय तीन सदस्यीय कमेटी तय करेगी। कमेटी में विधानसभा अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष व जिला प्रभारी शामिल हैं। यदि किसी उम्मीदवार के चयन पर किसी तरह की दिक्कत आती है तो शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर गठित होने वाली चुनाव संचालन समिति अंतिम फैसला करेगी। 

पटेल ने पंचायत चुनाव लड़ने के इच्छुक पदाधिकारियों को सख्त निर्देश दिया कि कोई भी पदाधिकारी अपने बैनर-होर्डिंग पर ‘भावी प्रत्याशी’ शब्द का इस्तेमाल न करे। प्रत्याशी के चयन का फैसला पार्टी का शीर्ष नेतृत्व करेगा। पार्टी जिस पदाधिकारी को उम्मीदवार तय करेगी, उसी का सबको समर्थन करना है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार में कारागार राज्यमंत्री जयकुमार सिंह जैकी ने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहा कि पंचायत चुनाव में गांव के वार्ड तक नीला केसरिया (अपना दल (एस) का झंडा) लहराएगा। 

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.जमुना प्रसाद सरोज ने पार्टी पदाधिकारियों को पूरी तैयारी से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव लड़ने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी जिस पदाधिकारी को उम्मीदवार बनाएगी, चुनाव में उसे ही समर्थन देना है और पूरी मजबूती से उसके साथ खड़ा रहना है।

पार्टी प्रवक्ता राजेश पटेल ने कहा कि बैठक में पटेल ने ‘वन बूथ – 10 यूथ’ का नारा दिया है। पार्टी की मूल ताकत कार्यकर्ता हैं। ‘वन बूथ-10 यूथ’ के लक्ष्य को पूरा करने पर हम पंचायत चुनाव में मजबूत स्थिति में होंगे और 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी सफल होंगे। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि पार्टी पूरी तैयारी से पंचायत चुनाव लड़ेगी और अधिक से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करेगी। इस बाबत पिछले कई महीने से पार्टी पंचायत चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है। 

पटेल ने कहा ‘‘यदि हम सही मायने में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाना चाहते हैं और बदलाव लाना चाहते हैं तो सबसे पहले इसकी शुरूआत हमें अपने घरों से करनी होगी। हमें अपने घर की माताएं, बहनें, पत्नी का सम्मान करना होगा। यहां तक कि हमें घर में काम करने वाली नौकरी को भी सम्मान देना होगा, तभी व्यवस्था परिवर्तन का सपना साकार होगा।’’ उन्होने कहा ‘‘हम केवल बेटियों के लिए ही ‘लक्ष्मण रेखा’ की बात क्यों करते हैं। हम बेटों के लिए लक्ष्मण रेखा क्यों नहीं खींचते हैं। बेटियों के सम्मान एवं सुरक्षा के लिए हमें बेटों को छोटी उम्र से ही महिलाओं के प्रति सम्मान, संयम का पाठ पढ़ाना होगा। तभी सही मायने में हर जगह बेटियां सुरक्षित होंगी।’’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *