वैशाख माह चल रहा है ओर यह मास 26 मई 2021 को खत्म होगा। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, यह महीना भगवान श्री हरिविष्णु को समर्पित है। यह महीना अन्य महीनों में सर्वोत्तम माना गया है। इस माह मास में धर्म कर्म का विशेष लाभ मिलता है। धर्म ग्रंथों में कहा गया है कि वैशाख महीने में सूर्योदय से पूर्व उठाना चाहिए। स्नानादि नित्यकर्म करके उगते सूरज को जल अर्पित करना चाहिए। इससे सूर्योपासक की उम्र बढ़ती है। हर तरह की परेशानियां दूर होती है। हिंदू धर्म ग्रंथों वर्णित है कि उगते हुए सूरज को अर्घ्य देने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। मन शांत होता है और आलस्य खत्म होने लगता है।
धर्म शास्त्रों के अनुसार, वैशाख महीने में सूर्य मेष राशि यानी अपनी उच्च राशि में रहता है। सूर्य की इस स्थिति में पूजा करने से बीमारियों से छुटकारा मिलती है और हर तरह की परेशानियां दूर होने लगती है। वैशाख माह में रोज सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने और सूर्य को अर्घ्य देने से जाने-अनजाने में किये गए पाप खत्म हो जाते हैं। यदि कोई हर रोज यह काम न कर सके तो उसे हर रविवार के दिन ही सूर्योदय से पहले उठकर नित्यकर्म से निवृत होकर स्नान करके सूर्योदय के समय सूर्य को जल चढ़ाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से भी उतना ही पुण्य फल मिलता है जितना कि हर रोज करने से।
भविष्य पुराण में बताया गया है कि तांबे के लोटे में जल, अक्षत और लाल पुष्प डालकर अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय ॐ सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें। अर्घ्य के समय मंत्र जाप करते हुए यह कामना करने कि सूर्य भगवान हमें अच्छी सेहत, शंक्ति और बुद्धि प्रदान कर रहें हैं। इसके बाद भगवान सूर्य नारायण को धूप और दीप का दर्शन करवाएं। वैशाख महीने में सूर्य से संबंधित चीजें जैसे तांबे का बर्तन, लाल कपड़े, गेहूं, गुड़ या लाल चंदन का दान करना चाहिए।