भोपाल। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि प्रकृति और पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए जन-सहयोग और संवेदनशीलता से प्रयास करने होंगे। मौसम में बदलाव को देखकर यह चिंता होने लगी है कि 100 साल बाद विश्व का क्या होगा। इसलिए पौधा-रोपण करना और पानी की बचत करना समय की माँग है। जब तक हम पेड़-पौधे नहीं लगायेगें, तब तक इस समस्या का समाधान नहीं कर पायेंगे। पेड़ों की कमी तथा हरियाली नहीं होने के कारण रंग-बिरंगे पक्षियों का दिखना भी कम हो गया है। हमें आने वाली पीढ़ी को इन समस्याओं से बचाने के लिए अभी से प्रयास प्रारंभ करने होंगे। राज्यपाल जन-परिषद् संस्था के 29वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रही थीं। राज्यपाल ने कार्यक्रम में संस्था की ओर से साहित्यकारों, समाजसेवियों, पत्रकारों और कलाकारों को शाल और प्रशस्ति-पत्र भेंट कर राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि साहित्यकारों, समाजसेवियों और विद्वानों को देश के कोने- कोने में नैतिकता, देशभक्ति और राष्ट्रीय बोध का संदेश पहुंचाने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि महिलाएँ आज कई क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं, हमें उन्हें पूरा सहयोग करना चाहिए। इससे उनमें आत्म-विश्वास बढ़ेगा। जब महिलाएँ आगे बढ़ेंगी, तब ही देश आगे बढ़ेगा।

राज्यपाल ने कार्यक्रम में ‘इतिहास पुन:पुन:’ पुस्तक का विमोचन किया। संस्था के अध्यक्ष, पूर्व पुलिस महानिदेशक एन.के.त्रिपाठी ने अतिथियों का स्वागत किया। समारोह में पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला, संस्था के उपाध्यक्ष और महानिदेशक (होमगार्ड) महान भारत सागर, डी.पी.खन्ना, पूर्व मेजर जनरल पी.एन. त्रिपाठी, अनिल सक्सेना, जी.पी श्रीवास्तव और संजीव श्रीवास्तव तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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