टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली न सिर्फ मैदान पर, बल्कि उसके बाहर भी उदाहरण पेश करते हैं. उन्होंने सॉफ्ट ड्रिंक कंपनी की करोड़ों रुपये की डील महज इसलिए ठुकरा दी, क्योंकि जिसका वह खुद इस्तेमाल नहीं करते, दूसरे से कैसे कहें. दरअसल, विराट के अनुशासित ट्रेनिंग सिस्टम में सॉफ्ट ड्रिंक्स के लिए कोई स्थान नहीं है. वह खुद को शत प्रतिशत फिट रखने के लिए जिम में लगातार पसीना बहाते हैं. बताया जाता है कि उनके लिए पानी भी फ्रांस से आता है. विराट ने कहा, ‘ मैं पहले खुद को समझाता हूं कि मैं यह कर सकता हूं. इसके बाद ही साथी खिलाड़ियों से उसे करने को कहता हूं.’
इससे पहले जून में विराट ने कोला इंडस्ट्री को जोरदार झटका दिया था. उन्होंने कोला का ऐड करने से खुद का हाथ खींच लिया था. दरअसल, शक्कर और कार्बोनेटेड पेय पदार्थों से स्वास्थ्य के खतरों पर बढ़ती चर्चा के बीच विराट ने यह फैसला किया. विराट पिछले छह साल से पेप्सी से जुड़े रहे. कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद पेप्सी उनके साथ कॉन्ट्रैक्ट को आगे बढ़ाना चाहती थी.
2001 में पूर्व बैडमिंटन स्टार पुलेला गोपीचंद ने भी इसी तरह का ऑफर ठुकरा दिया था. तब उन्होंने कहा था, ‘मैं योगा, ध्यान और एक सख्त डाइट अपनाता हूं. मैंने सॉफ्ट ड्रिंक्स न पीने का संकल्प लिया था. जब मैंने 2001 में ऑल इंग्लैंड खिताब जीता था, तब मुझे यह ऑफर मिला था. चूंकि मैं कोई सॉफ्ट ड्रिंक्स नहीं पीता था, इसलिए मोटी रकम के एवज में मैंने औरों को इसके लिए बढ़ावा न देने का फैसला किया.’