भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने हाल ही में खिलाड़ियों के लिए नया ग्रेडिंग सिस्टम शुरू किया है। माना जा रहा है कि नए ग्रेड A+ के लिए मौजूदा कप्तान विराट कोहली और उनके पूर्ववर्ती महेंद्र सिंह धोनी मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। इन दोनों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति के साथ हुई बैठक में यह सलाह रखी।
पुराने वेतन नियमों के अनुसार खिलाड़ियों को मुख्य रूप से तीन ग्रेड में बांटा जाता था। अब इसमें A+ नाम से नया ग्रेड शुरू किया गया है। नए अनुबंधों के मुताबिक, A+ कैटिगरी के अंर्तगत आने वाले खिलाड़ियों को सालाना 7 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा। वहीं A श्रेणी के खिलाड़ियों को 5 करोड़ रुपये वार्षिक दिया जाएगा। वहीं बी और सी के अंतर्गत आने वाले खिलाड़ियों को क्रमश: 3 करोड़ और एक करोड़ रुपये मिलेंगे।

क्रिकेट वेबसाइट क्रिकइंफो ने सीओए के प्रमुख विनोद राय के हवाले से लिखा है, ‘यह सलाह मुख्य रूप से विराट और धोनी की ओर से आई। उनका कहना था कि इस श्रेणी में सिर्फ वही खिलाड़ी रखे जाएं तो तीनों प्रारूप खेलते हैं, टॉप 10 रैंकिंग में शामिल हैं। वे ऐसी श्रेणी चाहते थे जिसमें प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को पुरस्कार दिया जा सके। और कोई भी खिलाड़ी स्थायी रूप से किसी एक श्रेणी में नहीं बना रहेगा चूंकि उनका आकलन प्रदर्शन के आधार पर होगा। यानी अगर आप अच्छा प्रदर्शन नहीं करेंगे तो आपकी श्रेणी कम हो जाएगी।’

विराट कोहली, रोहित शर्मा, शिखर धवन, भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह, वे पांच खिलाड़ी हैं जिन्हें ए प्लस श्रेणी का अनुबंध दिया गया है।

यह आइडिया मुख्य रूप से पूर्व कोच अनिल कुंबले का था जिन्होंने खिलाड़ियों की सैलरी बढ़ाने का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कोहली के साथ मिलकर बीसीसीआई से खिलाड़ियों की सैलरी 150 प्रतिशत तक बढ़ाने की मांग की थी। इसके मुताबिक टॉप श्रेणी के खिलाड़ी को सालाना 5 करोड़ रुपये तक मिलने की बात थी।

राय ने आगे कहा, ‘कौन सा खिलाड़ी किस श्रेणी में रहेगा यह फैसला राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने किया।’ यह भी खबर है कि वरिष्ठ खिलाड़ी और मुख्य कोच रवि शास्त्री चाहते थे कि वे खिलाड़ी जो तीनों प्रारूपों में नहीं खेलते- इसमें टेस्ट विशेषज्ञ चेतेश्वर पुजारा भी शामिल हैं को शीर्ष-श्रेणी के खिलाड़ियों के लगभग बराबर वेतन मिले।

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