भोपाल ! उत्तरप्रदेश के भाजपा नेता दयाशंकर सिंह द्वारा बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी की गूंज आज राज्य विधानसभा में भी सुनाई दी। बसपा सदस्यों ने इस मुद्दे पर निंदा प्रस्ताव लाए जाने की मांग को लेकर हंगामा किया। जिसके चलते अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा को सदन की कार्रवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।
सदन की कार्रवाही शुरू होते ही बसपा विधायक दल के नेता सत्यप्रकाश सखवार, विधायक उषा चौधरी, शीला त्यागी और बलवीर सिंह डंडोतिया नारेबाजी करते हुए आसंदी के समक्ष पहुंच गए। उन्होंने मांग की, कि मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने वाले उत्तरप्रदेश भाजपा नेता के खिलाफ सदन में निंदा प्रस्ताव लाया जाए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, कि यह विषय मध्यप्रदेश से जुड़ा नहीं है। लेकिन बसपा विधायक अपनी बात पर अड़े रहे।
संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बसपा सदस्यों की बात का विरोध करते हुए कहा, कि यह मध्यप्रदेश का मामला नहीं है, लेकिन बसपा सदस्य आसंदी और संसदीय कार्यमंत्री की बात से सहमत नहीं थे। हंगामा बढ़ता देख अध्यक्ष ने सदन की कार्रवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। इसी बीच कांग्रेस सदस्यों ने भी बसपा विधायकों की मांग का समर्थन किया। कांग्रेस विधायक दल के उपनेता बाला बच्चन ने कहा, कि मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणी से भाजपा का दलित विरोधी चेहरा सामने आ गया। सदन की कार्रवाही जब दोबारा शुरू हुई तो बसपा के चारों विधायकों ने फिर अपनी बात दोहराई और वे नारेबाजी करने लगे, अध्यक्ष ने उनसे अपने स्थान पर बैठने और प्रश्नकाल चलने देने की अपील की। लेकिन बसपा सदस्यों पर उनकी अपील का कोई असर नहीं हुआ।
इसके बाद सदन की कार्रवाही दोबारा 10 मिनट के लिए स्थगित की गई। तीसरी बार सदन की कार्रवाही शुरू होने के कुछ देर बाद बसपा विधायक उषा चौधरी और शीला त्यागी लगातार निंदा प्रस्ताव लाने की मांग करती रहीं। उनके शोरगुल के बीच ही सदन की कार्रवाही चलती रही। बाद में बसपा विधायक दल के नेता श्री सखवार ने पार्टी के तीन अन्य सदस्यों के साथ सदन से बहिर्गमन किया। उनका कहना था, कि उनकी मांग को अनसुना किया जा रहा है।

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