पाकिस्तान ने एकबार फिर अपने सदाबहार मित्र चीन से मदद ली है। इस बार विदेशी मुद्रा संकट टालने के लिए उसने चीन के बैंकों से एक अरब डॉलर का कर्ज लिया है। बुधवार को मीडिया में आई रिपोर्ट के मुताबिक, अच्छे प्रतिस्पर्द्धी दर पर पाकिस्तान ने कर्ज लिया है। फाइनेंशियल टाइम्स के साथ बातचीत में पाकिस्तान के स्टेट बैंक के गवर्नर तारिक बाजवा ने इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने कहा है कि यह कर्ज अच्छी ब्याज दरों पर मिला गया है।
चीन के साथ पाकिस्तान के वित्तीय, राजनैतिक सहित नजदीकी सैन्य संबंध हैं। बाजवा के अनुसार चीन के कमर्शियल बैंकों के पास बहुत ज्यादा लिक्विडिटी है। अखबार के अनुसार इस लोन से पहले भी पाक 1.2 अरब डॉलर का लोन चीन से ले चुका है।
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से गिर रहा है। अखबार में प्रकाशित लेख के अनुसार अधिकारियों को चीन के बैंक से कर्ज लेने के बाद अब पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मदद नहीं लेनी पड़ेगी।
पाकिस्तान ने इंडस्ट्रियल एंड कॉमर्शियल बैंक ऑफ चाइना (आइसीबीसी) से 500 मिलियन डॉलर का एक और विदेशी कर्ज लिया है ताकि वह अपने घटते विदेशी मुद्रा भंडार को कुछ मजबूत कर सके। इसके पहले चीन के बैंक ने पाकिस्तान में पेमेंट सिचुएशन के बैलेंस को सपोर्ट करते हुए 1.3 अरब अमेरिकी डॉलर दिया था।