भोपाल। कोरोना महामारी के बीच राजस्व वसूली कम होने से वित्तीय संकट में आई सरकार एक बार फिर वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है। कोरोना काल में अब आठवी बार सरकार कर्ज लेगी।
राज्य सरकार रिजर्व बैंक के माध्यम से यह कर्ज लेगी। इसके लिए 11 अगस्त को रिजर्व बैंक वित्तीय संस्थाओं से प्रस्ताव बुलाएगा। इस आॅक्शन में भाग लेने वाली वित्तीय संस्थाओं की ब्याज दर प्रस्ताव के अनुसार राज्य के लिए सबसे कम ब्याज दर पर कर्ज देने वाली वित्तीय संस्था से यह कर्ज लिया जाएगा। 11 अगस्त को सुबह साढ़े दस बजे से साढ़े ग्यारह बजे के बीच वित्तीय संस्थाएं आॅनलाइन इसमें बिड दे सकेंगे। रिजर्व बैंक के कोर बैंकिंग सॉल्यूशन ई-कुबेर पर यह बिड भरी जा सकेगी। राज्य सरकार यहकर्ज 15 वर्ष की अवधि के लिए लेगी। इस कर्ज की अदायगी 12 अगस्त 2035 तक की जाएगी।
कोरोना संकट से जूझ रही राज्य सरकार को वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए बार-बार कर्ज लेना पड़ रहा है। सरकार ने पिछले बुधवार को भी एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज रिजर्व बैंक के माध्यम से खुले बाजार से लिया है। पिछले पांच माह में शिवराज सरकार करीब 8 हजार करोड़ रुपए बाजार से कर्ज ले चुकी है। हालांकि सरकार के पास चालू साल में मौजूदा लिक्विडिटी के आधार पर करीब 20 हजार करोड़ तक का लोन लेने का पात्रता है।
सरकार को आबकारी सेक्टर से 2700 करोड़ का नुकसान चालू साल में हो चुका है जिसकी भरपाई भी फिलहाल संभव नहीं है। इस बीच कोरोना संक्रमण के चलते बंद पड़े कारोबार के कारण 23 हजार करोड़ का घाटा झेलने को मजबूर हुई सरकार को अब भी व्यवस्था संचालन के लिए कर्ज का सहारा लेना पड़ रहा है। इन हालातों को देखते हुए सरकार ने राज्य में वित्तीय संसाधन विकसित करने और प्रदेश में चल रहे प्रोजेक्ट्स को पूरा कराने के लिए पिछले बुधवार को 1000 करोड़ रुपए कर्ज लिया था और अब एक बार फिर एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है। इस तरह चालू वित्त वर्ष में लिए गए कर्ज का आंकड़ा बढ़कर 9 हजार करोड़ तक पहुंच जाएगा।