भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि समाज और सरकार मिलकर समावेशी विकास की अवधारणा को प्रभावी तरीके लागू कर सकते हैं। चौहान ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय दर्शन का उल्लेख करते हुए कहा कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुंचाना सरकार का प्राथमिक उद्देश्य है। मुख्यमंत्री आज यहाँ आर.सी.व्ही.पी. नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी में बौद्धिक एवं विकासात्मक दिव्यांगजनों के लिए ‘समावेशी भारत’ विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
श्री चौहान ने मध्यप्रदेश में दिव्यांगजन कल्याण के लिये किए जा रहे हैं कार्यों और योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार ने दिव्यांगजनों के लिए नवाचारी योजनाएं बनाई हैं ताकि वे अपनी प्रतिभा और क्षमता का पूरा उपयोग कर पूरी गरिमा के साथ विकास में भागीदार बन सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि शारीरिक अपंगता स्थाई बाधा नहीं है। दिव्यांग बंधुओं में क्षमता , ऊर्जा और प्रतिभा की कमी नहीं है । समाज और सरकार के थोड़े से सहयोग से वे जीवन में चमत्कार कर सकते हैं और समाज को अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दे सकते हैं । उन्होने कहा कि दिव्यांग बंधुओं के संपूर्ण विकास के लिए सरकार ऐसे वातावरण का निर्माण कर रही है जिसमें वे अपनी प्रतिभा और क्षमता का उपयोग समाज के लिए कर पाएं।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा दिव्यांग बंधुओं के लिए अनूठी योजनाएं संचालित करने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में विकलांग बंधुओं को इन योजनाओं का पूरा लाभ दिलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश विकलांग कल्याण के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य है। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश में बहु विकलांग व्यक्तियों के लिए पांच सौ रूपये प्रति माह की पेंशन व्यवस्था शुरू की गई है। वर्तमान में करीब चार लाख दिव्यांग बंधुओं को यह सुविधा मिल रही है। विकलांग बंधुओं के विवाह पर अब पचास हजार के स्थान पर दो लाख रूपए दिए जा रहे हैं। श्री चौहान ने कहा कि इस कार्यशाला में दिव्यांगों के कल्याण के संबंध में विशेषज्ञों और समाज सेवियों द्वारा दिये गये सुझावों पर सरकार प्रभावी रूप से कार्रवाई करेगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर दिव्यांग बालक बालिकाओं को प्रमाण पत्र दिए।
राष्ट्रीय न्यास के संयुक्त सचिव श्री मुकेश जैन ने कार्यशाला को उद्देश्यों की चर्चा की। सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री गोपाल भार्गव सासंद भोपाल आलोक संजर, प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय अशोक शाह एवं समाज सेवी संगठन उपस्थित थे। केन्द्रीय न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. थावरचंद गेहलोत ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रीय न्यास, दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार एवं सामाजिक न्याय विभाग मध्यप्रदेश शासन के संयुक्त तत्वाधान में किया गया।