ग्वालियर। बीती रात छाए बादल और जमकर हुई वर्षात से महानगर का मौसम खुशनुमा हो गया। वारिश की बजह छत्तीसगढ़ में बना सिस्टम बताया गया है। वारिश से लगातार गर्मी और उमस झेल रहे लोगों को राहत मिली। आज नवरात्र की शुरूआत पर वारिश होने से लोगों का मानना है कि माता का स्वागत वारिश से हुआ। वहीं गणपति की भी स्थापना पर भी वारिश का संयोग रहा। सब कुल मिलाकर वारिश से जहां ठंडक हुई वहीं किसानों के भी चेहरे खिल गये।
महानगर में जब सुबह लोग सोकर उठे तो वारिश देखकर खुश हो गये। कई दिनों से गर्मी की मार झेल रहे लोगों को वारिश से राहत मिली। पिछले लगभग एक सितंबर को वारिश होने के बाद से लोग सूरज की गर्मी की तपिश से परेशान थे। दिन का पारा ३८ डिग्री तक पहुंच गया था। उधर आज से नवरात्र शुरू हुये और लोगों को तपिश और गर्मी से राहत भी मिली। मौसम वैज्ञानिक उमाशंकर चौकसे के अनुसार मानसून सीजन समाप्त की ओर है। मानसून की विदाई के आखिरी दौर में सक्रिय सिस्टम के बाद ४८ घंटों के दौरान वारिश होने का अनुमान है। वारिश होने से आंकडा भी बढ सकता है। उधर वारिश से निचले क्षेत्रों में जल भराव हो गया। वहीं रामलीला का पंडाल भी क्षतिग्रस्त हुआ। छत्री मंडी के मैदान में पानी भरने से रामलीला पर असर पडा। लोग आज की वारिश को देवी की कृपा मान रहे हैं।

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