भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पुलिस अधिकारियों से आज कहा कि वे हमेशा अपनी वर्दी का सम्मान करें और आलोचनाओं की चिंता नहीं करें। कानून व्यवस्था का पालन करवाते समय गरीब तबके का ध्यान रखें। कानून गरीबों के हित की रक्षा के लिये है। कानून का पालन गरीबों के हित में होना चाहिये।

श्री कमलनाथ यहां मंत्रालय में 37 बैच के उप पुलिस अधीक्षकों को संबोधित कर रहे थे। प्रशिक्षण के बाद 44 उप पुलिस अधीक्षक की विभिन्न जिलों में पदस्थापना होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश को वैश्विक परिवर्तनों के साथ चलना होगा। समाज में आ रहे बदलाव से पुलिस की चुनौतियाँ और जिम्मेदारियाँ भी बढ़ गयी है। उन्होंने कहा कि पहले संचार प्रौद्योगिकी के इतने संसाधन और सुविधाएँ नहीं थी। आज हर व्यक्ति की पहुँच इन तक है। इसलिए अपराधों को रोकने में प्रौद्योगिकी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग होना चाहिये।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे ज्ञान की भूख हमेशा बनाये रखें। प्रशिक्षण स्कूल का प्रशिक्षण सीमित समय का होता है, लेकिन मैदान की परिस्थितियाँ और रोजाना के अनुभवों से प्रशिक्षण मिलता रहता है। इसलिए यह निरंतर चलता रहता है। उन्होंने महिला पुलिस अधिकारियों की पुलिस सेवा में आने के निर्णय की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे समाज की अन्य बेटियों को भी प्रेरणा मिलेगी। पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी समाज के लिये अच्छा संकेत है।

श्री कमलनाथ ने अधिकारियों से अपेक्षा की कि कैरियर की शुरूआत से ही वे पुलिस बल के लिए उदाहरण प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि कैरियर के अन्य विकल्प होते हुए भी पुलिस सेवा में आने का निर्णय उनकी जन-सेवा की भावना को दर्शाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन संस्थाओं को संविधान से शक्ति और गरिमा मिलती है उनके प्रति विश्वास रखना और उनकी गरिमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी जरूरी है। ये संस्थाएँ भारत की अनेकता में एकता की प्रतिनिधि है।

उन्होंने पुलिस अधिकारियों से सवाल जवाब किये और उनके अनुभवों को सुना। उन्होंने सबसे कठिन और चिंताजनक स्थितियों पर भी उनके विचार जाने। पुलिस अधिकारियों ने पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने की मुख्यमंत्री की पहल की सरहाना करते हुए मैदानी अनुभवों के आधार पर सुझाव दिए।

इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक वी.के. सिंह और विशेष पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण संजय राणा, पुलिस प्रशिक्षण अकादमी, भौरी के उप संचालक वी. कपूर उपस्थित थे।

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