भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का ग्यारह दिवसीय शीत कालीन सत्र वन्दे मातरम राष्ट्रगान के साथ प्रारंभ हुआ। यह त्रयोदश विधानसभा का पन्द्रहवां सत्र है। पहले दिन निधन उल्लेख हुआ तथा दिवंगतों को श्रृध्दांजलि देने के बाद सदन की कार्यवाही शोकस्वरुप दिनभर के लिये स्थगित कर दी गई। सत्र की शुरुआत वन्देमातरम राष्ट्रगान से होने के बाद स्पीकर ईश्वरदास रोहाणी ने सदन की कार्यसूची में उल्लेखित दिवंगतों के नाम एवं देश और समाज में उनके योगदान का उल्लेख किया। कार्यसूची में चौदह दिवंगतों का उल्लेख था जिनमें केन्द्रीय मंत्री विलासराव देशमुख, पूर्व प्रधानमंत्री इन्द्र कुमार गुजराल, पूर्व केन्द्रीय मंत्री काशीराम राणा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री किन्जरपू येरननायडू, पूर्व केन्द्रीय मंत्री केसी पंत, मप्र विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष कन्हैयालाल यादव, पूर्व विधायक फूलचन्द वर्मा, पूर्व विधायकगण सर्वश्री रामपाल सिंह, ताराचन्द साहू, राकेश कुमार सिंह, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पूर्व सर संघचालक केसी सुदर्शन, शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे, श्वेत क्रांति के जनक डाक्टर वर्गीज कुरियन तथा फिल्म अभिनेता एवं पूर्व सांसद राजेश खन्ना शामिल थे।
स्पीकर के चौदह व्यक्तियों के निधन उल्लेख के बाद वित्त मंत्री राघवजी भाई ने उठकर कहा कि इसमें पूर्व विधायक जमुना प्रसाद चौरसिया का नाम छूट गया है जिस पर स्पीकर ने कहा कि आगे यह ले लिया जायेगा। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री इन्द्रकुमार गुजराल विद्वान व्यक्ति थे तथा विदेश नीति के क्षेत्र में उनका योगदान याद किया जाता है। दिवंगत केन्द्रीय मंत्री विलासराव देशमुख के बारे में कहा कि वे उनके निकट के मित्र थे और हरदिल अजीज एवं सदैव मुस्कुराने वाले व्यक्ति थे। काशीराम राणा के साथ उन्होंने संसद सदस्य के रुप में संसद में काम किया है। वे गुजरात के लोकप्रिय नेता थे। येरन नायडू दक्षिण भारत के प्रमुख नेता थे और दुर्घटना में वे अचानक चले गये। केसी पंत के बारे में श्री चौहान ने कहा कि वे अर्थ क्षेत्र के जानकार थे और उन्हें सारा देश जानता था तथा उनका सम्मान करता था। योजना आयोग के वे उपाध्यक्ष रहे। कन्हैयालाल अग्रवाल इंदौर के मजदूर नेता थे तथा आम आदमी के लिये काम करते थे। फूलचन्द वर्मा विदिशा जिले के गंजबासौदा क्षेत्र से थे और उन्होंने समाजसेवा में अपना जीवन लगाया। रामपाल सिंह ने गुढ़ विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। ताराचन्द साहू विधायक एवं सांसद दोनों रहे और वे कुशल संगठक थे तथा उन्होंने छत्तीसगढ़ स्वामिभान मंच बनाया था। राकेश सिंह भी छत्तीसगढ़ के कर्मठ नेता थे। सुदर्शनजी को वे भी व्यक्तिगत रुप से जानते थे। इंजीनियर होने के बाद भी उन्होंने संघ में रहकर देश की सेवा की। वे प्रखर वक्ता भी थे तथा स्वदेशी की उनमें तड़प थी। वे घर में विदेशी वस्तु देखकर कु्रध्द होते थे गिलास में पानी भी आधा ही भरा देखना चाहते थे जिससे उसका अपव्यय न हो। बाला साहेब ठाकरे एक राजनैतिक योध्दा थे और दमदार नेता थे। मुम्बई में उनकी जैसी लोकप्रियता थी वैसी अन्य कहीं नहीं दिखती है। वर्गीस कुरियन श्वेत क्रांति के जनक रहे तथा देश को विश्व में नम्बर एक बनाने में योगदान दिया। राजेश खन्ना विख्यात फिल्म कलाकार रहे तथा अपने समय में उन्होंने युवा पीढ़ी को अपना दीवाना बना दिया था। श्री चौहान ने अंत में कहा कि उक्त सभी दिवंगतों से देश को अपूरणीय क्षति हुई है जिसकी भरपाई नहीं हो सकती है। वे इन सभी की शांति हेतु ईश्वर से प्रार्थना करते हैं तथा उनका अनुसरण करने वालों एवं परिजनों को दु:ख सहन करने की क्षमता की कामना करते हैं।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने अपने उद्बोधन में सदन के नेता की भावनाओं से सहमति व्यक्त की तथा कहा कि दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री श्री गुजराल स्वर्गीयच इंदिरा गांधीजी के किचन केबिनेट में रहे तथा उन्हें राजनीति में आगे बढ़ाया। विदेश मंत्रालय में आज भी गुजराल डाक्ट्रिन चर्चा का विषय रहता है। श्री सिंह ने केसी पंत के बारे में कहा कि उनके दिवंगत पिता अर्जुन सिंह के वे मित्र थे तथा श्री पंत ने गरीबों के लिये काफी योजनायें बनाईं। रामपाल सिंह को छोटी कांठी का नेता बताते हुये श्री सिंह ने कहा कि वे रीवा जिले के युवा कांग्रेस अध्यक्ष रहे। वे ऊर्जावान नेता थे और उनके जाने से विन्ध्य संभाग को क्षति हुई है। ताराचन्द साहू के बारे में उन्होंने कहा कि वे छत्तीसगढ़ राज्य के पहले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष थे। सुदर्शनजी के बारे में उन्होंने कहा कि उनकी कमी खलेगी। बाला साहेब ठाकरे की अपनी अलग ही शैली थी। कुरियन ने दूध के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाया।
नेता प्रतिपक्ष के बाद बसपा विधायक रामलखन सिंह और निर्दलीय विधायक पारस दादा सखलेचा ने अपना उद्बोधन दिया। भाजपा विधायक गिरिश गौतम ने कहा कि रामपाल सिंह गंगेव जनपद पंचायत के अध्यक्ष रहते विधानसभा चुनाव जीते थे और उनके ही विधानसभा क्षेत्र में उनका जन्म हुआ था और वे छोटी कांठी के नेता न होकर सभी दलों के नेताओं के चहेते थे। वित्त मंत्री राघवजी भाई ने कहा कि विदिशा के फूलचन्द वर्मा के साथ उन्होंने पचास साल तक काम किया है। कांग्रेस के महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा ने कहा कि वर्गीस कुरियन ने उनका नाम राष्ट्रीय डेयरी फेडरेशन के अध्यक्ष के लिये प्रस्तावित किया था और वे तीन साल तक अध्यक्ष रहे थे। मध्यप्रदेश दुग्ध संघ का अध्यक्ष रहने के दौरान भी श्री कुरियन ने उन्हें काफी सहयोग किया।
इसके बाद स्पीकर श्री रोहाणी ने सदन में दो मिनट का मौन रखवाया तथा फिर शोकस्वरुप दिनभर के लिये सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।