भोपाल। मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में उल्टा नजारा था। ग्राम पंचायत का सचिव भाग रहा था। उसके पीछे एक किसान रिश्वत की रकम लेकर उसे देने के लिए दौड़ रहा था, लेकिन ग्राम पंचायत के सचिव ने रिश्वत के नोटों को हाथ तक नहीं लगाया, और गायब हो गया। दरअसल लोकायुक्त DSP वेदांत शर्मा ने पंचायत सचिव को रंगे हाथों पकड़ने के लिए जाल बिछाया था लेकिन ग्राम पंचायत सचिव का इनफॉरमेशन नेटवर्क, लोकायुक्त पुलिस के नेटवर्क से ज्यादा मजबूत था। 

मामला मध्यप्रदेश के उज्जैन जिला अंतर्गत झारड़ा तहसील की ग्राम पंचायत वनसिंग का है। गांव के किसान ईश्वर सिंह ने कूप खनन योजना के तहत 2.40 लाख की लागत से कूप खुदवाया है। पंचायत सचिव रतन लाल चौहान ने 1.22 लाख रुपए का भुगतान किया है। शेष राशि का भुगतान करने के लिए सचिव ने ईश्वर सिंह से 24 फरवरी को 15 हजार की घूस मांगी थी। ईश्वर सिंह ने 500 रुपए एडवांस में दे दिया।

DSP वेदांत शर्मा ने बताया कि ईश्वर ने सचिव की शिकायत लोकायुक्त से की। उसके बाद सचिव की ओर से घूस मांगे जाने की बातचीत की रिकॉर्डिंग कराई गई। इसमें सचिव ने किसान ईश्वर सिंह को घूस की शेष रकम में से छह हजार रुपए देने के लिए बुधवार को अपने गांव बोलखेड़ा बुलाया था। सचिव को रंगेहाथ दबोचने की योजना के साथ लोकायुक्त DSP वेदांत शर्मा के नेतृत्व में सिपाही हितेश ललावत, इसरार खान, नीरज राठौर और कलेक्ट्रेट दो कर्मचारी सचिव के गांव में पहुंचे।

लोकायुक्त DSP वेदांत शर्मा ने अपनी गाड़ी गांव के बाहर खड़ी कर दी। उसके बाद ग्रामीणों की तरह सिर पर तौलिया ओढ़कर सचिव के घर से कुछ दूरी पर खड़े हो गए। उन्होंने ईश्वर सिंह को छह हजार रुपए लेकर सचिव के घर भेजा। इस बीच गांववालों को शक हो गया। गांव में अज्ञात लोगों के होने की खबर तेजी से फैल गई।

सचिव रतनलाल चौहान को भी इसकी जानकारी लग गई। वह घर से भागने लगा। लोकायुक्त टीम के साथ फरियादी भी था। वह घूस की रकम देने के लिए सचिव के पीछे-पीछे दौड़ने लगा। वह आवाज देकर सचिव को रुकने के लिए कहा, लेकिन सचिव पलट कर बोला- मैं तुम्हारा काम कर दूंगा। तुमसे पैसे नहीं चाहिए। इसके बाद वह मौके से भाग निकला।

मिशन फेल होने के बाद कॉल रिकॉर्डिंग के आधार पर भ्रष्टाचार मामला दर्ज

छापामार कार्रवाई बिफल होने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने फरियादी से फोन पर रिश्वत की मांग को लेकर हुई बातचीत के आधार पर सचिव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-7 के तहत केस दर्ज कर लिया। 

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