कांग्रेस महासचिव और पूर्वी यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा और पश्चिमी यूपी प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया, पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ सोमवार को लखनऊ पहुंचे थे। इसके अगले ही दिन यानी मंगलवार को प्रियंका और ज्योतिरादित्य को पूर्वी और पश्चिमी यूपी की सीटें बांट दी गईं, जिनमें वे दोनों अब कांग्रेस की राजनीतिक जमीन को मजबूत करेंगे। अब आइए एक नजर डालते हैं पूर्वी उत्तर प्रदेश की उन सभी लोकसभा सीटों पर जिनकी जिम्मेदारी प्रियंका गांधी वाड्रा को दी गई है। यहां प्रियंका गांधी पर ही पूरा दारोमदार होगा कि वह कांग्रेस को लोकसभा चुनाव 2019 के साथ-साथ यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए मजबूती प्रदान करें।
पूर्वी यूपी की इन सीटों में कांग्रेस को मजबूत करने उतरेंगी प्रियंका वाड्रा
उन्नाव, मोहनलालगंज (आरक्षित), लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, सुलतानपुर, प्रतापगढ़, जालौन (आरक्षित), झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशांबी (आरक्षित), फूलपुर, प्रयागराज, बाराबंकी (आरक्षित), फैजाबाद, अंबेडकरनगर, कैसरगंज, गोंडा, डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीर नगर, महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव (आरक्षित), लालगंज (आरक्षित), आजमगढ़, घोसी, सलेमपुर, बलिया, जौनपुर, मछलीशहर (आरक्षित), गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, भदोही, मीरजापुर, रॉबर्ट्सगंज (आरक्षित)
ज्योतिरादित्य के पास पश्चिमी यूपी की इन सीटों की जिम्मेदारी
सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना (आरक्षित), मुरादाबाद, रामपुर, संभल, अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर (आरक्षित), अलीगढ़, हाथरस (आरक्षित), मथुरा, आगरा (आरक्षित), फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर (आरक्षित), खीरी, धौरहरा, सीतापुर, हरदोई (आरक्षित), मिश्रिख (आरक्षित), फर्रुखाबाद, इटावा (आरक्षित), कन्नौज, कानपुर, अकबरपुर, बहराइच (आरक्षित), श्रावस्ती
बता दें कि वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है, जहां पर कांग्रेस के लिए राजनीतिक जमीन तैयार करने की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी वाड्रा को सौंपी गई है। इसके साथ ही गोरखपुर, फूलपुर जैसी अहम सीटें भी प्रियंका के हिस्से में रखी गई हैं। राहुल गांधी ने सोमवार को लखनऊ में कहा था, ‘यूपी में पार्टी को खड़ा करने का काम मैंने प्रियंका और ज्योतिरादित्य सिंधिया को दिया है। मैंने इनसे कहा है कि लोकसभा चुनाव में तो बेहतर प्रदर्शन होना ही चाहिए, इसके साथ ही विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की सरकार बनानी पड़ेगी।’