नई दिल्ली . कोरोना वायरस से संक्रमित लोकपाल के सदस्य जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी की मौत हो गई है. जस्टिस अजय कुमार लोकपाल के न्यायिक सदस्य थे. कोरोना से संक्रमित होने के बाद दिल्ली के एम्स ट्रामा सेंटर में उनका इलाज चल रहा था. शनिवार रात 9 बजे दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया.
62 वर्ष के जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी अप्रैल महीने में कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे, इसके बाद उनका दिल्ली के एम्स ट्रामा सेंटर में इलाज चल रहा था. बता दें कि अप्रैल के पहले सप्ताह से एम्स ट्रामा सेंटर में सिर्फ कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है.
एम्स के एक सूत्र ने कहा कि जस्टिस त्रिपाठी बीमारी की वजह से बहुत कमजोर हो गए थे, हालत खराब होता देख उन्हें आईसीयू में लाया गया था. यहां पर पिछले तीन दिनों से वे वेंटिलेटर पर थे. डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की भरपूर कोशिश की लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका.
केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया है. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जस्टिस अजय त्रिपाठी के निधन से उन्हें गहरा आघात पहुंचा है. रविशंकर प्रसाद ने कहा उन्होंने पटना में उनके साथ वकालत की थी. केंद्रीय मंत्री जस्टिस अजय त्रिपाठी की पत्नी अलका त्रिपाठी और उनके परिवार के साथ संवेदना जताई है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी के निधन पर शोक जताया है. नीतीश कुमार ने अपने शोक संदेश में कहा कि अजय कुमार त्रिपाठी के निधन से न्यायपालिका के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है.
सुशील मोदी ने कहा कि उन्होंने अपना एक नजदीकी मित्र खो दिया है. सुशील मोदी ने कहा कि चारा घोटाले के मामले के दिनों से वे अजय कुमार त्रिपाठी से जुड़े रहे हैं. उन्होंने कहा कि जज होने के बावजूद शहर में शायद ही कोई ऐसा सांस्कृतिक कार्यक्रम हो जिसमें वे न पहुंचते हों.
अजय कुमार त्रिपाठी छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे हैं. इससे पहले वे पटना हाई कोर्ट में जज थे. मौजूदा समय में वे लोकपाल के चार न्यायिक सदस्यों में से एक थे.