धार. मध्य प्रदेश के पूर्व वन मंत्री और दिग्गज कांग्रेसी उमंग सिंघार के खिलाफ लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का नियम तोड़ने को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है. उमंग सिंघार के खिलाफ धार में रैली कर भीड़ जुटाने का आरोप लगा है. धार के एडिशनल एसपी देवेंद्र पाटीदार ने सिंघार के खिलाफ केस दर्ज किए जाने की जानकारी दी है. बताया गया कि प्रदेश के पूर्व मंत्री ने धार जिले के बदनौर इलाके में बीते दिनों एक रैली में भाग लिया था.

जिले के एडिशनल एसपी देवेंद्र पाटीदार ने बताया कि बदनौर में हुई रैली में बड़ी संख्या में लोग जुटे थे. पूर्व मंत्री भी इस रैली में शरीक हुए थे. लॉकडाउन के बीच भीड़ जुटाने की मनाही के बावजूद इस रैली का आयोजन किया गया. इसको लेकर पूर्व मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री उमंग सिंघार कांग्रेस सरकार के दौरान वन मंत्री थे. प्रदेश के दिग्गज कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ बयानों के कारण वे चर्चा में आए थे. दिग्विजय सिंह के साथ उनकी उठा-पटक को लेकर तत्कालीन कमलनाथ सरकार पर विपक्ष ने भी हमला किया था. बाद में पार्टी नेतृत्व के दखल देने के बाद सिंघार और दिग्विजय के बीच की राजनीतिक जंग किसी तरह समाप्त कराई जा सकी थी.

करीब 10 महीने पुराने दिग्विजय सिंह और उमंग सिंघार के विवाद की आग को बीजेपी ने एक बार फिर हवा दे दी है. बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने मध्य प्रदेश के सीएम शिवराजको एक चिट्ठी लिखी है जिसमें उन्होंने मांग की है कि कांग्रेस के तत्कालीन वन मंत्री उमंग सिंघार ने कांग्रेस पार्टी के ही पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह पर अवैध खनन और शराब कारोबार के जो आरोप लगाए थे, उनकी जांच सीबीआई द्वारा करवाई जाए. बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को लिखे अपने खत में कहा है कि पूर्व में कमलनाथ सरकार में वन मंत्री उमंग सिंघार ने 3 सितंबर 2019 को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर अवैध शराब-रेत का धंधा करने, ट्रांसफर उद्योग चलाने एवं सरकार को ब्लैकमेल कर नीति निर्धारण करने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे.

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