भोपाल। कोरोना महामारी से बचाव के लिए घोषित लाक डाउन के चलते स्कूल शिक्षा विभाग ने जहां प्रदेश के अशासकीय स्कूलों में 30 अप्रैल तक पालकों से फीस ना लिए जाने के निर्देश जारी किए हैं, वही नीमच कलेक्टर ने 30 जून तक निजी स्कूलों में फीस ना लिए जाने के निर्देश दिए हैं।

सामान्य तौर पर प्रदेश के सभी स्कूलों में फरवरी और मार्च के महीने में परीक्षाएं समाप्त हो चुकी थी। अधिकांश स्कूलों ने नतीजे भी घोषित कर दिए थे। इसके बाद अगला शिक्षा सत्र अप्रैल से प्रारंभ किया जाना था। लेकिन इस बीच कोरोना महामारी के चलते मध्य प्रदेश सहित पूरे देश भर में लाक डाउन घोषित कर दिया गया। लेकिन कई निजी स्कूल बच्चों के पालकों से नए शिक्षा सत्र की फीस जमा कराने के लिए दबाव डाल रहे हैं। इसके बाद मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग ने एक निर्देश जारी कर प्रदेश के सभी अशासकीय स्कूलों में 30 अप्रैल तक फीस लेने के लिए पालकों पर दबाव नहीं बनाने और बाद में फीस जमा करने वालों से लेट फीस ना लेने के निर्देश जारी किए हैं।

इधर नीमच कलेक्टर जीतेंद्र सिंह राजे ने पूरे नीमच जिले के लिए एक निर्देश जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि जिले के अंतर्गत संचालित समस्त बोर्ड से संबद्ध अशासकीय स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के माह अप्रैल से जून 2020 तक 3 माह का समस्त प्रकार का शुल्क वर्तमान में बच्चों या पालकों से वसूल ना किया जाए। यह राशि जुलाई के माह में वसूल कर सकेंगे।

अशासकीय स्कूलों को कोरोना महामारी के संक्रमण और लॉक डाउन की कोई चिंता नहीं है। राजधानी भोपाल के ही कई बड़े स्कूलों ने बच्चों के पालकों से मार्च में ही पूरे साल भर की फीस इकट्ठे वसूल कर ली है। कई स्कूलों की वेबसाइट पर निर्देश जारी हुए हैं कि पालक फीस का आॅनलाइन भुगतान करें। स्कूल शिक्षा विभाग ने इस संबंध में कोई निर्देश अभी तक जारी नहीं किए हैं इसलिए निजी स्कूल मनमानी तौर से पालकों पर दबाव बनाकर लाक डाउन अवधि में भी फीस जमा करने को बाध्य कर रहे हैं।

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