भोपाल। Law against Love Jihad : बीजेपी शासित दो राज्यों, यूपी और एमपी, में लव जिहाद (Love Jihad) के खिलाफ कानून की तैयारियां जोरों पर हैं। यूपी कैबिनेट ने जहां मंगलवार को इससे संबंधित अध्यादेश (Ordinance for Love jihad in UP) को मंजूरी दे दी है, वहीं मध्य प्रदेश में प्रस्तावित कानून का ड्राफ्ट (Draft of Love Jihad Law in MP) तैयार होने के बाद इसको लेकर विचार-विमर्श का दौर अंतिम चरण में है। एमपी में 28 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इसे पेश किया जाएगा। दोनों ही राज्यों के कानूनों में कई समानताएं हैं तो कुछ फर्क भी हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में…
सजा की अवधि- दोनों ही राज्यों में धर्मांतरण के मामलों में 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। एमपी में शिवराज सरकार ने धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 में इसके लिए पहले 5 साल की सजा रखी थी, लेकिन ड्राफ्ट में इसे बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है।
धर्म परिवर्तन के लिए पूर्व अनुमति- दोनों ही राज्यों में शादी के इरादे से धर्म परिवर्तन के लिए जिला कलेक्टर को पहले सूचना देनी होगी। यूपी में 2 महीने जबकि एमपी में 1 महीने पहले कलेक्टर के पास आवेदन देने का प्रावधान किया गया है।
शादी के लिए धर्मांतरण- यूपी के अध्यादेश में धर्म परिवर्तन के लिए 15,000 रुपये के जुर्माने के साथ 1-5 साल की जेल की सजा का प्रावधान है। अगर SC-ST समुदाय की नाबालिगों और महिलाओं के साथ ऐसा होता है तो 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ 3-10 साल की जेल होगी। एमपी में सामान्य वर्ग की महिलाओं के धर्म परिवर्तन के मामले में 5 साल तक की सजा होगी। अगर महिला दलित या नाबालिग है तो 10 साल तक की सजा हो सकती है।
सहयोगी भी अपराधी- दोनों राज्यों के कानूनों में लव जिहाद जैसे मामलों में मदद करने वालों को भी मुख्य आरोपी माना जाएगा। यूपी के अध्यादेश के मुताबिक, शादी कराने वाले पंडित या मौलवी को उस धर्म का पूरा ज्ञान होना जरूरी है। वहीं, एमपी के प्रस्तावित ड्राफ्ट में इस तरह की शादी-निकाह कराने वाले धर्म गुरु, काजी-मौलवी, पादरी के लिए भी पांच साल की सजा की व्यवस्था है। ऐसी शादियां कराने वाले संस्थानों का पंजीयन भी निरस्त किया जाएगा।