भोपाल। मप्र बोर्ड की छात्र-छात्राओं के फेल होने के बाद पढ़ाई न रूके या आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार ने रूक जाना नहीं योजना चलाई थी। जिसके तहत बोर्ड की परीक्षा में फेल हुए परीक्षार्थी राज्य ओपन स्कूल द्वारा संचालित रूक जाना नहीं के तहत बिना रूके परीक्षा पास कर आगे की पढ़ाई कर सकते हैं। लेकिन इसके तहत 2016 में दसवीं की परीक्षा पास हुए लगभग 18 हजार छात्र-छात्राओं को 12वीं की बोर्ड परीक्षा से वंचित कर दिया गया है। उनके परीक्षा फार्म को फीस लेकर और भरने के बाद माध्यमिक शिक्षा मंडल(माशिमं) ने निरस्त कर दिया है। अब मंडल इन छात्र-छात्राओं को पत्र देकर फार्म निरस्त करने की सूचना पहुंचा दिया।
प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन ने इस संबंध में मंडल से गुहार लगाई है, जिससे इन छात्र-छात्राओं को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए। एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि इन छात्रों में कुछ ने नियत समय में प्रति हस्ताक्षरित टीसी जमा नहीं कर पाए, जिससे मंडल ने फीस लेकर फार्म भरवा लिए और अब परीक्षा देने से वंचित कर रहा है। वहीं मंडल के अधिकारियों का कहना है कि जिन छात्र-छात्राओं ने अगस्त से पहले नामांकन करया था, उन्हें परीक्षा में शामिल किया जाएगा। ज्ञात हो कि रूक जाना नहीं योजना के तहत साल में दो बार परीक्षा ली जाती है, जिन छात्र-छात्राओं ने सितम्बर में परीक्षा दी थी, उनके साथ परेशानी खड़ी हुई है।
सत्र पूरा नहीं होने के कारण हुए वंचित
एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि मंडल ने इन छात्र-छात्राओं से कह रहा है कि आपका सत्र पूरा नहीं हुआ है। इन विद्यार्थियों ने सितंबर में परीक्षा दी थी और उसके बाद रिजल्ट आया था। ऐसे में मंडल 12 अगस्त तक परीक्षा फार्म भरने की अंतिम तिथि थी। जिस कारण उनका सत्र पूरा नहीं हुआ है।
इनका कहना है
अगस्त से पहले जिनका एडमिशन है, उनको परीक्षा देने के लिए अलाऊ किया जाएगा – अजय सिंह गंगवार, सेक्रेटरी, माशिमं
मंडल किस आधार पर हजारों छात्रों के परीक्षा फार्म निरस्त कर दिया। यह तो मंडल ही जानकारी देगा – डॉ संजय पटवा, सहायक संचालक, राज्य ओपन स्कूल
लगभग 18 हजार छात्र-छात्राएं इस बार बोर्ड परीक्षा देने से वंचित रहेंगे। मंडल ने उनके फार्म को स्कूल में अनुपस्थित के नाम पर निरस्त कर दिया है – अजीत सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन