नई दिल्ली | आधुनिकीकरण का महत्वाकांक्षी लक्ष्य और प्रौद्योगिकी का अधिकाधिक इस्तेमाल मंगलवार को संसद में प्रस्तुत रेल बजट की कुछ प्रमुख विशेषता रही। रेल मंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा ने रेल बजट में रेलवे को व्यावसायिक रूप से एक सक्षम इकाई के तौर पर चलाने के लिए कई कदमों का प्रस्ताव किया। उन्होंने वित्तीय संकट को बड़े मंसूबे तैयार करने में दृष्टि बाधा नहीं बनने दिया, बल्कि वित्त की व्यवस्था के लिए रेलवे क्षेत्र में एफडीआई लाने और विभिन्न परियोजनाओं को सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) मॉडल पर चलाने जैसे साहसिक प्रस्ताव रखे हैं।

रेल मंत्री ने बजट में 58 नई रेलगाड़ियां चलाने, पांच साल में कार्यालयों को पेपरलेस बनाने, आरक्षण सूची का डिजिटल रूप शुरू करने, चुनिंदा स्टेशनों और रेलगाड़ियों पर वाई-फाई की सुविधा, यात्रियों को जगाने वाली कॉल, माल ढुलाई के लिए अलग टर्मिनल, कारोबारी यात्रियों के लिए रेलगाड़ी में वर्क स्टेशन, स्वच्छता पर अधिक खर्च, प्रमुख स्टेशनों पर फूड कोर्ट, रेल पर्यटन का विस्तार और पहाड़ी दुर्गम क्षेत्रों तथा पूर्वोत्तर के लिए बेहतर रेल संपर्क जैसे कदमों का प्रस्ताव संसद के सामने रखा है। मंत्री ने देश में पहली बार बुलेट रेलगाड़ी चलाने का प्रावधान किया है, जो मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलेगी।बजट में चार महानगरों को आपस में तेज रफ्तार वाली रेलगाड़ी से जोड़ने की महत्वाकांक्षी हीरक चतुर्भुज योजना का प्रावधान है, वहीं कुछ चुने हुए स्टेशनों को आधुनिक हवाईअड्डों की तरह विकास करने का भी लक्ष्य रखा गया है। रेल मंत्री ने आधुनिक प्रबंधक की भांति वित्तीय प्रबंधन की बारिकियों में न उलझकर एफडीआई लाने और पीपीपी मॉडल से खर्च जुटाने जैसी बड़ी-बड़ी नीतियों पर अधिक ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि जहां पिछले 10 सालों में नेटवर्क के आधुनिकीकरण पर 18,400 करोड़ खर्च किया गया है, वहीं अगले 10 सालों में इसपर पांच लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। उन्होंने साथ ही कहा कि सिर्फ यात्री किराया और माल भाड़ा बढ़ाने से यह खर्च नहीं निकल सकता है।

उन्होंने कहा कि हीरक चतुर्भुज परियोजना पर नौ लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च होगा और सिर्फ एक बुलेट रेलगाड़ी चलाने पर ही करीब 60 हजार करोड़ रुपये खर्च होगा। प्रौद्योगिकी का अधिकाधिक प्रयोग करते हुए उन्होंने कहा कि ई-टिकटिंग प्रणाली में सुधार किया जाएगा, ताकि वर्तमान में प्रति मिनट 2,000 टिकट बनाने की क्षमता को बढ़ाकर प्रति मिनट 7,200 टिकटों की बुकिंग की क्षमता हासिल की जा सके। उन्होंने बजट में इंटरनेट से प्लेटफॉर्म और अनारक्षित टिकटों की बुकिंग की सुविधा शुरू करने की योजना का भी प्रस्ताव रखा। गौड़ा ने कहा कि वाणिज्यिक व्यवहार्यता को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “इतने विशाल उपक्रम से एक वाणिज्यिक उपक्रम की तरह धन कमाने और कल्याणकारी संस्थान की तरह सेवा करने की उम्मीद की जाती है। ये दोनों लक्ष्य एक रेल पथ की दो पटरियां हैं।” गौड़ा ने धन जुटाने के चार प्रमुख उपाय सुझाए हैं। ये हैं : प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, सार्वजनिक-निजी साझेदारी, रेलवे से संबंधित सरकारी कंपनियों द्वारा वाणिज्यिक कोष बढ़ाना और लंबी अवधि में मुनाफे में आने वाली परियोजनाओं पर कर छूट।

बजट के बाद मोदी ने प्रतिक्रिया में कहा, “बजट में देश के विकास को ध्यान में रखा गया है। हम प्रौद्योगिकी के भारी-भरकम इस्तेमाल को देख सकते हैं।” गौड़ा ने बजट में मौजूदा कारोबारी साल में 1,64,374 करोड़ रुपये की आय और 1,49,176 करोड़ रुपये के व्यय का लक्ष्य रखा है। उन्होंने माल ढुलाई में 4.9 फीसदी वृद्धि और यात्री किराए में मामूली वृद्धि का लक्ष्य रखा। उन्होंने एक रुपये कमाने के लिए 92.5 पैसे खर्च करने का लक्ष्य रखा। बजट में यात्री सुरक्षा, स्वच्छता और स्टेशन प्रबंधन पर भी प्रमुखता से ध्यान दिया गया है।

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