प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले हफ्ते रूस की यात्रा पर जाएंगे. इस दौरान PM मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अनौपचारिक शिखर बैठक में मुख्यत: ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने के प्रभाव सहित विभिन्न वैश्विक व क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं.

मोदी राष्ट्रपति पुतिन से बिना तय एजेंडा की इस बातचीत के लिए 21 मई को सुबह रूस के शहर सोशी पहुंच सकते हैं. उल्लेखनीय है कि दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच सालाना शिखर बैठकों का सिलसिला 2000 से चल रहा है और ये बैठकें बारी-बारी से मास्को और नई दिल्ली में आयोजित की जाएंगी.

चीन से हुई ऐसे दौरों की शुरुआत

परंपरागत तरीके की औपचारिक बैठकों से हट कर प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग के साथ एक अनौपचारिक शिखर वार्ता की. इस तरह की वार्ता के बाद आमतौर पर कोई घोषणा पत्र जारी नहीं किया जाता और बातचीत के विषय दोनों नेता अपने से हिसाब से चुन लेते हैं.

इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि दोनों शीर्ष नेताओं की यह मुलाकात चार से छह घंटे चल सकती है और इसका कोई तय ‘एजेंडा’ नहीं है. इस बैठक में द्विपक्षीय मुद्दों पर बहुत सीमित ही चर्चा होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि दोनों नेता ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने, अफगानिस्तान व सीरिया में हालात, आतंकवाद के खतरे तथा आगामी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) व ब्रिक्स शिखर सम्मेलन बैठकों पर विचार विमर्श कर सकते हैं.

इसी तरह अमेरिका के एक नए कानून सीएएटीएसए के तहत रूस के खिलाफ प्रतिबंधों के भारत-रूस रक्षा सहयोग पर संभावित असर भी इस दौरान चर्चा हो सकती है.

सूत्रों ने कहा कि भारत सरकार इस मुद्दे को अमेरिका के ट्रंप प्रशासन के साथ उठा रही है और वह रूस के साथ अपने रक्षा संबंधों पर किसी तीसरे पक्ष के ‘ हस्तक्षेप’ की अनुमति नहीं देगा. इस अनौपचारिक शिखर वार्ता का उद्देश्य दोनों देशों की दोस्ती व विश्वास का इस्तेमाल प्रमुख वैश्विक व क्षेत्रीय मुद्दों पर समझ कायम करना है. राष्ट्रपति पुतिन प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में दोपहर भोज भी देंगे.

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