भोपाल।  मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि विकास में रीयल स्टेट की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रदेश में शीघ्र ही रीयल स्टेट इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में आधुनिक भारत की आवश्यकताओं की पूर्ति के नगर विकसित हो रहे हैं। श्री चौहान आज यहाँ इंडिया टुडे रीयल स्टेट कान्क्लेव 2012 के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर इंडिया टुडे पत्रिका के सम्पादक श्री दीपक मण्डल, श्री सईद अंसारी और बड़ी संख्या में प्रदेश के रीयल स्टेट डेवलपर्स उपस्थित थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने प्रतिभागियों के प्रश्नों के उत्तर भी दिये।

श्री चौहान ने अपने उद्बोधन में विकास के मानवीय पहलुओं पर जोर देने की आवश्यकता बतायी। उन्होंने कहा कि बुनियादी अधोसंरचना के विकास के साथ ही मानव संसाधन की उन्नति भी जरूरी है। विकास मानवीय संवेदनाओं को प्रगट करने का माध्यम होना चाहिये, तभी सम्पूर्ण विकास होगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र को बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध करवाने के साथ ही जन-कल्याणकारी योजनाओं का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में युवा शक्ति को ज्ञान शक्ति के रूप में विकसित करने और रोजगार पाने के लिये विवश होकर प्रवास नहीं करना पड़े, ऐसे प्रयास किये जा रहे हैं। विगत दिनों सम्पन्न ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में किये गये एमओयू के क्रियान्वयन से रोजगार के नये 27 लाख अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि शहरी आबादी को सुविधा सम्पन्न बनाने के लिये प्रदेश में प्रत्येक शहर के सिटी डेवलपमेंट प्लान बनाये जा रहे हैं। अभी तक 111 नगर के प्लान तैयार हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि उनकी व्यक्तिगत मान्यता है कि पेयजल आपूर्ति कार्य का निजीकरण नहीं किया जाना चाहिये। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना योजना, मुख्यमंत्री पेयजल योजना और अगले वर्ष से 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था की गयी है। शहरों को एक पहचान देने की भी कोशिश की जा रही है। प्रत्येक शहर में एक आदर्श मुख्य मार्ग भी बनाया जायेगा। सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित करने के लिये चुनिंदा शहरों में सिटी लिंक बस सेवा शुरू की गयी है। भोपाल-इंदौर में मेट्रो रेल का सर्वेक्षण कार्य पूर्ण हो गया है। ठोस अपशिष्ट निदान के लिये नियोजित प्रयास के साथ ही नगरीय सेवाओं के काडर प्रबंधन के प्रयास भी किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि लोकतंत्र में मुख्यमंत्री आम आदमी होता है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिये जरूरी है कि समाज जीवंत हो। वह विचार के स्तर पर सक्रिय हो। शासन अच्छे विचारों को ग्रहण कर कार्य- योजनाएँ क्रियान्वित करें। शासन व्यवस्था जनता के लिये जनता द्वारा संचालित होनी चाहिये। प्रदेश में पंचायतों के आयोजन से ऐसे प्रयास किये गये हैं। उन्होंने कहा कि कान्क्लेव भी ऐसी ही एक पंचायत है। कान्क्लेव के विचार-मंथन से जो तथ्य सामने आयेंगे, उन्हें यथासंभव पूरा करने का प्रयास किया जायेगा। भ्रष्टाचार नियंत्रण के लिये यह आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नागरिक सेवाएँ समय से मिले इसी परिप्रेक्ष्य में लोक सेवा गारंटी अधिनियम लागू किया गया है। अधिनियम में नल कनेक्शन से लेकर भवन अनुज्ञा तक प्राप्त करने जैसी विभिन्न सेवाओं को समयबद्ध किया गया है। उन्होंने कहा कि रीयल स्टेट में निजी क्षेत्र का सहयोग आवश्यक है। इसके लिये सभी जरूरी प्रयास करने के साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि मनमानी नहीं हो। रीयल स्टेट की आवश्यकतानुसार प्रावधानों में संशोधन भी किया गया है। हाई राईज भवनों के लिये 30 मीटर तक अनुमति की आवश्यकता समाप्त की गई है। शासकीय अथवा अशासकीय भवन निर्माण के पूर्व मजदूरों को निवास की बुनियादी सुविधाएँ सुनिश्चित करने की व्यवस्था भी की गई है। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी के दबाव में आकर नियमों में संशोधन नहीं किया जायेगा।

इंडिया टुडे के संपादक श्री दिलीप मण्डल ने आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि वैश्विक मंदी के दौर में मध्यप्रदेश में जिस तरह के प्रयास किये हैं, उससे प्रदेश को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य माना गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश को इस कठिन दौर में बीमारू राज्यों की श्रेणी से उबारने का सफल कार्य किया है।

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