ग्वालियर। भिण्ड जिला न्यायालय के विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) ओपी सुनरया की अदालत ने एक हजार रुपए की रिश्वत लेने वाले एएसआई रामलखन दौहरे को डबल सजा से दण्डित किया है। न्यायालय ने एएसआई को रिश्वत मांगने के आरोप में 3 साल और रिश्वत लेने के आरोप में 4 साल की सजा दी है। दोनों सजा के साथ 5-5 हजार रुपए का जुर्माना भी किया है। सजा का आदेश होते ही एएसआई को कल भिण्ड जेल भेज दिया है।
सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सुरेन्द्र बरेलिया ने आज यहां बताया कि शकील मोहम्मद भिण्ड के सदर बाजार में चार पहिए का ठेला लगाकर परिवार का भरण पोषण करता है। शहर कोतवाली में पदस्थ एएसआई रामलखन दौहरे 16 जुलाई 2014 को शकील के ठेले पर आया। एएसआई दौहरे ने उससे कहा कि सदर बाजार में जितने भी ठेले लगते है प्रत्येक ठेले वाले से 20 रुपए के हिसाब से एक हजार रुपए प्रतिदिन चाहिए। एएसआई ने कहा रुपए नहीं दिए तो ठेले नहीं लगने देंगे। और कानूनी कार्यवाही में फंसाकर परेशान भी किया जाएगा। आर्थिक रुप से दयनीय हालत में जिन्दगी बसर कर रहा शकील मोहम्मद ने हिम्मत दिखाते हुए एएसआई रामलखन दौहरे की शिकायत ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक से की। लोकायुक्त टीम ने शकील से एएसआई की रिश्वत मांगने की रिकॉर्डिंग कराई। 18 जुलाई 2014 को शकील को एक हजार रुपए लेकर जैन कॉलेज परिसर में बुलाया। जहां ग्वालियर लोकायुक्त डीएसपी धर्मवीर सिंह भदौरिया के नेतृत्व वाली टीम नेे शकील से एएसआई रामलखन दौहरे को एक हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरतार कर लिया।
सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सुरेन्द्र बरेलिया ने यहां बताया कि एएसआई रामलखन दौहरे शकील पर दबाव बनाने के लिए उसे डरा धमका रहा था। इसलिए शकील के बयान होने में तीन माह का समय लग गया। भिण्ड जिला न्यायालय के विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) ओपी सुनरया की अदालत ने कल एएसआई रामलखन दौहरे को एक हजार रुपए की रिश्वत लेते पकडे जाने और फरियादी व लोकायुक्त टीम के बयानों को सही मानने पर डबल सजाओ सं दण्डित किया है।

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