शाजापुर ! तत्कालीन सिविल सर्जन राजगढ़ और वर्तमान में जिला चिकित्सालय शाजापुर के सिविल सर्जन डॉ. डीएस वर्मा और उनके वाहन चालक प्रकाश भाटी को रिश्वत लेने के मामले में सरकार ने निलंबित कर दिया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनुसूया गवली सिन्हा ने बताया कि सिविल सर्जन वर्मा पूर्व में राजगढ़ जिला अस्पताल के सिविल सर्जन पद पर पदस्थ थे। जहां उन्होंने अस्पताल में माली के पद पर पदस्थ ग्राम बखेड़ निवासी मनोहरलाल दांगी को नौकरी से निकाल दिया था। वहीं माली के रूके हुए तीन माह के वेतन को देने के एवज में 5 हजार रुपए की रिश्वत वाहन चालक प्रकाश भाटी उर्फ दीनू की मदद से ली थी। इसी के साथ माली को दोबारा नौकरी देने के नाम पर 35 हजार रुपए की मांग डॉ. वर्मा द्वारा की गई थी, जिसकी शिकायत फरियादी मनोहरलाल दांगी ने लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक भोपाल से की थी। इस पर लोकायुक्त टीम ने योजनाबद्ध तरीके से सिविल सर्जन डॉ. डीएस वर्मा को 1 सितंबर 2014 को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। मामले में 17 नवंबर 2015 को राजगढ़ विशेष न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। इस पर राज्य शासन द्वारा डॉ. डीएस वर्मा तत्कालीन सिविल सर्जन जिला अस्पताल राजगढ़ और उनका वाहन चालक प्रकाश भाटी को मंगलवार ेको तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। निलंबन अवधि में डॉ. वर्मा और उनके चालक का मुख्यालय कार्यालय संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल रहेगा।
सोनी बने प्रभारी सिविल सर्जन : जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. डीएस वर्मा के निलंबित किए जाने पर मंगलवार को नेत्र विशेषज्ञ डॉ. सुनील सोनी को सिविल सर्जन का पदभार सौंपा गया। डॉ. सिन्हा ने बताया कि आगामी आदेश तक सोनी अस्पताल के प्रभारी सिविल सर्जन रहेंगे।