ग्वालियर। मध्यप्रदेश के भिण्ड जिला न्यायालय के विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) ने रिश्वत लेते हुए पकडे गए राजस्व निरीक्षक राधाकृष्ण शर्मा निवासी पिपाहडी गोहद चौराहा और उनके सहयोगी सेवानिवृत्त शिक्षक हेमराज सिंह भदौरिया निवासी पिपाहडी गोहद चौराहा को दोषी पाए जाने पर कल 30 मार्च को पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है साथ ही 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
विशेष लोक अभियोजक अमोल सिंह तोमर ने बताया कि भिण्ड जिले के गोरमी निवासी केशव कांत ने ग्वालियर लोकायुक्त के पुलिस अधीक्षक को शिकायत की थी कि 2012 में उन्होंने अपनी जमीन का सीमांकन कराने के लिए आवेदन दिया था। लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। 2015 में उन्होंने फिर से सीमांकन के लिए आवेदन किया तो गोरमी सर्किल के राजस्व निरीक्षक राधाकृष्ण शर्मा ने पांच हजार रुपए की रिश्वत की मांग की। उक्त शिकायत की तस्दीक के लिए लोकायुक्त पुलिस ने आवेदक केशव कांत को आरक्षक अमर सिंह के साथ रिश्वत की बातचीत रिकार्ड करने के लिए वाइस रिकार्डर के साथ भेजा। इसमें आरआई राधाकृष्ण ने केशव कांत के निवेदन पर चार हजार रुपए रिश्वत लेने के लिए तैयार हो गया। इसके उपरांत योजनाबद्ध तरीके से लोकायुक्त पुलिस ने पाउडर लगे नोट केशव कांत के हाथों आरआई राधाकृष्ण को देने के लिए भेजे। केशव कांत ने जैसे ही आरआई राधाकृष्ण शर्मा को पैसे देने के लिए बढाए तो उन्होंने पास में बैठे सेवानिवृत्त शिक्षक हेमराज सिंह भदौरिया को देने के लिए कहा, उन्होंने पैसे गिने और रख लिए। तभी केशव कांत के तय इशारे पर लोकायुक्त पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। वहीं हेमराज ने उक्त नोट फेंक दिए, लेकिन जब पुलिस ने उनके हाथ धुलवाए तो वे लाल हो गए। पुलिस ने नोट जब्त कर दोनों को गिरफ्तार कर जमानत पर रिहा कर दिया साथ ही प्रकरण बनाकर न्यायालय को भेजा। विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) ने आरआई राधाकृष्ण और सेवानिवृत्त शिक्षक हेमराज सिंह को रिश्वत लेने के मामले में दोषी पाते हुए दोनों को 5 साल के सश्रम कारावास की जा सुनाई है साथ ही 20 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है।

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