भोपाल। बहुचर्चित आईएएस अधिकारी रमेश थेटे अंततः आज सेवानिवृत्त हो गए। इस मौके पर उनका दर्द छलका और व्यवस्था के प्रति आक्रोश बाहर आया। मीडिया को जारी पत्र में उन्होंने कहा किभारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी होने के बावजूद उन्हें कभी भी किसी भी जिले का कलेक्टर नहीं बनने दिया गया। यहां तक की इनटाइटल होने के बावजूद प्रमुख सचिव पद पर पदोन्नति भी नहीं दी गई।
यह सच है की सरकार और उनकी व्यवस्था मेरे साथ न्याय नहीं करना चाहती थी। एक तरह से अब मैं इस गुलामी से मुक्त हो चुका हूं। बता दें कि हाल ही में 25 जुलाई को आईएएस अधिकारी रमेश थेटे ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर सेवानिवृत्ति से पहले प्रमुख सचिव पद पर पदोन्नति करने का आग्रह किया था। किंतु सरकार ने उसके इस आग्रह को भी ठुकरा दिया और पत्र लिखने के ठीक 5 दिन बाद वह प्रशासनिक सेवा से रिटायर हो गए।