इंदौर। इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने स्पष्ट शब्दों में निर्देश दिए हैं कि सभी एसडीएम राशन की उचित मूल्य दुकानों का पर्यवेक्षण करें और अनियमितताएं करने वाले राशन की उचित मूल्य के दुकानदारों के विरूद्ध धारा-107/106 में प्रकरण दर्ज करने के साथ आवश्यकता होने पर पर इनकी गिरफ्तारी की जाए।


आज बैठक में कलेक्टर सिंह ने जिले के सभी एसडीएम को निेर्देशित किया कि वे अपने-अपने प्रभार वाले क्षेत्रों में उचित मूल्य की राशन दुकानों पर प्रभावी नियंत्रण रखें। वे यह सुनिश्चित करें कि सभी राशन दुकानें निर्धारित समय पर खुलें, निर्धारित समय पर बंद हो, निर्धारित मात्रा में उपभोक्ताओं को सामग्री मिलें। उपभोक्ताओं के साथ किसी भी तरह का दूर्व्यवहार नहीं हो। सभी दुकानों पर सूचनात्मक बोर्ड लगे। राशन की दुकानों का नियमित भौतिक सत्यापन भी होता रहे। अनियमितताएं करने वाले दुकानदारों के विरूद्ध धारा-107/106 में प्रकरण पंजीबद्ध कर आवश्यकता होने पर पर उनकी गिरफ्तारी की जाये।

कलेक्टर सिंह ने सभी एसडीएम को निर्देशित किया है कि राशन की दुकानों पर फूड इंस्पेक्टर के साथ-साथ अथवा उनके सब-डिविजनल में मौजूद अन्य समस्त विभागों का अमला शामिल है, सहकारिता विभाग, कृषि विभाग, पंचायत विभाग आदि के माध्यम से समुचित पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण रखें। समस्त अनुविभागीय दण्डाधिकारियों को कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी की ओर से राशन की दुकानों पर समुचित पर्यवेक्षण के लिए अधिकृत किया गया है। निर्देश दिये गये है कि समस्त राशन की दुकानें प्रातः 9 से दोपहर एक बजे तक एवं अपरान्ह 3 से शाम साढ़े 5 बजे तक अनिवार्य हितग्राहियों को सेवाएं देने हेतु खुले रहे। रविवार को यह दुकानें मात्र एक दिन बंद रहेगी। समस्त राशन की दुकानों पर कम से कम 6 X 3 फीट का बोर्ड लगा हुआ रहे, जिसमें दुकानों के नाम, उस समिति का अध्यक्ष का नाम, मोबाईल नंबर, समिति अध्यक्ष के घर का पता आदि उल्लेखित रहे। इस हेतु पृथक से फार्मेट अपर कलेक्टर, खाद्य द्वारा सभी अनुविभागीय दण्डाधिकारियों को प्रेषित किया जायेगा। सेल्समेन अथवा दुकान के संचालकगण जो भी हितग्राहियों को राशन की सामग्री देते समय मौजूद रहे, उनका व्यवहार हितग्राहियों के प्रति अत्यंत मधुर रहे तथा किसी भी प्रकार की असुविधा राशन की दुकानों पर न हो। समय-समय पर राशन की दुकानों में पीयूएस मशीन से आवक एवं जावक के आकड़े लेते हुए इस आकड़ों से भौतिक रूप से दुकान में रखे हुए अलग-अलग राशन का मिलान करवाया जाये। अगर विसंगति आती है तो अपर कलेक्टर अभय बेडेकर जा जानकारी दी जाये। अगर कहीं भी दुकान के खोलने या बंद होना अनियमित पाया जाता है अथवा सेल्समेन अथवा दुकान संचालकों का व्यवहार हितग्राहियों से पूछताछ में सामंजस्य नहीं होता है तो इससे हितग्राहियों में आक्रोश होता है तो तत्काल ऐसे संचालकों और सेल्समेन जो व्यवहार ठीक नहीं रखते उनके खिलाफ संबंधित थाने में धारा-107/116 के तहत् प्रकरण दर्ज कर 151 में गिरफ्तारी की जाये। सभी एसडीएम अपने क्षेत्र में आने वाली राशन दुकानों की जानकारी प्राप्त करेंगे। यह जानकारी फूड इंस्पेक्टर के माध्यम से अपने स्थानीय सूचना-तंत्र के माध्यम से एकत्रित की जायेगी ऐसी दुकानों की सूची तैयार की जायेगी, जिनकी सामान्य छवि राशन प्राप्त करने वाले हितग्राहियों के पक्ष में नहीं रहती है। ऐसी राशन की दुकानों के अध्यक्ष उपाध्यक्ष, सेल्समेन के नाम पते प्राप्त किए जाकर फूड इस्पेक्टर के माध्यम से एसडीएम प्रतिवेदन प्राप्त करेंगे एवं उनके बांड ओवर की कार्यवाही की जायेगी। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्रदाय किए जाने वाले राशन की गुणवत्ता की भी जांच करेंगे। समस्त अपर कलेक्टर/अपर जिला दण्डाधिकारी अपने क्षेत्राधिकार अन्तर्गत आने वाले एसडीएम को प्रभावी मार्गदर्शन देते रहेंगे ।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में जिला प्रशासन ने कलेक्टर मनीष सिंह के निेर्देशन में उचित मूल्य की दुकानों में राशन की हेराफेरी करने और अन्य अनियमितताएं करने पर बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में राशन माफिया भरत दवे एवं श्याम दवे एवं 30 अन्य पर अनियमितता करने के कारण इन्दौर शहर में 10 अपराध पंजीबद्ध हुए हैं।

तत्कालीन फूड कंट्रोलर श्री आर सी मीणा की संलिप्तता होने के कारण एवं राशन माफिया के विरूद्ध की जा रही जांच में बाधा उत्पन्न करने से श्री मीणा को भी इन आपराधिक प्रकरणों में आरोपी भी बनाया गया है।

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