रावतपुराधाम। रामकथा के समापन पर संतश्री मुरारी बापू ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस में लिखा है किसी की सेवा सुरक्षा में जाये तब चार चीजों का ध्यान रखना पडता है। बुद्धि, विवेक पल और समय बुद्धि हमेशा कर्म में डालती है कोई भी सेवा बुद्धि से होती है विवेक, शील बनाता हैे। किसी की सेवा विवेक से होती है बल से होती है निर्बल से कोई सेवा नहीं होती है समय विचारकर कार्य करना चाहिए। हनुमान जी जब सेवा करते हैं चारों का ध्यान रखते हैं। यह सब सेवा क्षेत्र के स्तम्भ हैं। संत बाल्मीकि ने कहा था एक हजार लोग आपकी सलाहकार हों वह भी मूर्ख हो तो राष्ट्र को नुकसान होगा। बुद्ध पुरूष राष्ट्र को आगे बढाता है।
इस अवसर पर उन्होंने एक शेर पाता है वही जो तकदीर लाता है बुद्ध व्यक्ति से राष्ट्र का श्रेय बढता है। इस अवसर पर उन्होंने एक लघु कथा सुनाते हुए कहा कि एक आदमी प्रसिद्ध मौलवी साबुद्दीन के पास गया और उससे कहा कि मुझे आपकी सेवा करनी है। साबुद्दीन ने कहा जिसका पैसा आपने उधार लिया है उसको दे दो मेरी सही सेवा हो जायेगी।
संतश्री ने कहा कि रामकथा की शुरूआत के अवसर पर मुझे मालुम हुआ कि गुरूदेवी श्री अनन्त विभूषित पूज्य महाराज श्री रविशंकर जी (रावतपुरा सरकार) कर्मयोगेश्वर जी मेरी कथा के लिए पिछले 27 वर्षों से प्रयासरत थे। 27 साल के बाद रावतपुराधाम में यह कथा हो रही है। बिन मांगे मोती मिलता है, बिन मांगे रामकथा नहीं मिलती रावतपुरा हनुमान जी चाहा होगा वैसे मेरी कथा चार पांच साल बाद मिल जाती है कि इस मौसम में कथा हो रावतपुरा की ठण्ड में आनन्द बहुत है इस बार सर्दी ज्यादा है मैंने अपने सलाहाकारों से कहा है कि वे पता करें कि इस मौसम में किस प्रदेशों में सर्दी कम रहती है जिससे श्रोताओं में तकलीफ कम हो रात को मैं दो घण्टे सोता हूं दिन में एक घण्टे। जागने में मुझे ज्यादा आनन्द आता है।
संतश्री मुरारी बापू ने कहा कि आज हम पवित्र रामकथा के नौवें चरण समापन सत्र की ओर बढ रहे हैं इस शुभ राषि में एवं शुभ आश्रम में जहां रावतपुरा सरकार हनुमान जी पांच सौ साल से विराजमान हैं। हनुमान जी की छत्रछाया में रामकथा नौवे दिन में प्रवेश कर रही है। मानस पवन तनय गुरूकृपा एवं गुरूग्रंथ की कृपा से सात्विक एवं तात्विक चर्चा कर रहे हैं। इसलिए व्यासपीठ से मैं मुरारी बापू आपको प्रणाम करता हूं। इस कथा का 170 देषों में सजीव प्रसारण हो रहा है। आज भी भारी शीत होने के बाद भी रामकथा के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड उमडी कथा स्थल आज छोटा पड गया। जिसको जहां जगह मिली उसने वहीं से कथा सुनी। रावतपुरा धाम लोक कल्याण ट्रस्ट द्वारा रावतपुराधाम परिसर में हर जगह माईक लगाए गए। जिसके कारण श्रोतागण माईक के पास बैठकर कथा सुनते रहे अनुमान के अनुसार करीब पचाास हजार से ज्यादा श्रद्धालुगण रामकथा सुनने के लिए उपस्थित थे। अनन्त विभूषित पूज्य महाराज श्री रविशंकर जी (रावतपुरा सरकार) कर्मयोगेश्वर ने आज कथा संतों के बीच बैठकर सुनी वहीं भाजपा के प्रदेष महामंत्री एवं खजुराहो से सांसद वीडी शर्मा ने उत्तरप्रदेष की पूर्व मंत्री अनुराधा शर्मा, रूस्तम सिंह, विधायक महूरानीपुर बिहारीलाल आर्य, झांसी महापौर रामतीर्थ सिंह, कांग्रेस नेता अशोक सिंह, पागल बाबा ने कथा भक्तगणों के बीच बैठकर सुनी एवं समापन आरती में भाग लिया। रामकथा के बाद अनन्त विभूषित पूज्य महाराज श्री रविशंकर जी (रावतपुरा सरकार) कर्मयोगेश्वर ने पूज्य पोथी सिर पर लेकर संतश्री मुरारी बापू के आश्रम गए आश्रम के बाद हैलीपेड पर पूज्य पोथी संतश्री मुरारी बापू को सौंपकर पूज्य पोथी को विदाई दी।
कथा-यात्रा स्तान्तः सुख से सर्वमुख तक रही हैः गुरूदेव रावतपुरासरकार
अनन्त विभूषित पूज्य महाराज श्री रविशंकर जी (रावतपुरा सरकार) कर्मयोगेश्वर ने कहा कि तुलसीदास द्वारा रचित रामचरित मानस का गान करते मुरारी बापू की कथा-यात्रा स्तान्तः सुख से सर्वमुख तक रही है। रामकथा को विश्राम से विश्वास तक की यात्रा समझते एवं अपनी रामकथा को ज्ञानयज्ञ के बजाय प्रेमयज्ञ का दर्जा देते हुए मुरारी बापू रामकथा के माध्यम से सतत समाजोपकारक संदेष बहाते हैं। मैं इस छोटे से प्रसंग को छोटा नहीं कहता। रामायण में लिखा है कि जिसमें तेज हो, वह छोटा नहीं होता। सुबह सूर्यनारायण उगते हैं, तब छोटे होते हैं परन्तु त्रिभुवन का अंधकार नष्ट होता है यह छोटा सा प्रसंग तेजस्वी है। न तो दिव्य, न तो भव्य पर सेव्य अवष्य है।
बापू की रामभक्ति गजब की है: वीडी शर्मा
भाजपा के प्रदेश महामंत्री एवं खजुराहो सांसद वीडी शर्मा ने रामकथा के बाद कहा कि बापू की रामभक्ति गजब की है उनके मुख से निकलने वाले वाक्य राम के शब्दों की तरह हैं बापू सभी रामभक्तों से स्नेह करते है उनकी कथा ऐसी होती है कि लोग उनकी तरफ खिंचे चले आते हैं।