भोपाल। वित्तीय संकट से गुजर रही राज्य सरकार को अपना चालू खर्च चलाने के लिए एक बार फिर एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेना पड़ रहा है। मंगलवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में इसके लिए गवर्नमेंट स्टॉक की नीलामी होगी।

खास बात यह है कि इस कर्ज के लिए सरकार पिछले हफ्ते लिए कर्ज के मुकाबले ज्यादा ब्याज चुकाएगी। गत पांच फरवरी को बाजार से लिए गए कर्ज पर सरकार 8.37 प्रतिशत ब्याज देगी, वहीं मंगलवार को सरकार जो कर्ज लेगी, उस पर 8.64 फीसदी ब्याज चुकाना होगा। दरअसल, वित्तीय वर्ष के अंतिम दिनों में कर्ज लेने पर सरकार को ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ता है।

राज्य सरकार दस साल के लिए यह कर्ज ले रही है। इस पैसे का उपयोग राज्य सरकार विभिन्न् विकास कार्यों और खर्च चलाने के लिए करेगी। गौरतलब है कि राज्य सरकार फिलहाल राजस्व घाटे में चल रही है। इसके साथ ही किसान कर्ज माफी की वजह से सरकार का खर्च बहुत ज्यादा बढ़ गया है।

सरकार बनने के बाद कांग्रेस को करीब डेढ़ महीने में तीसरी बार बाजार से कर्ज लेना पड़ा है। पिछले एक साल में कई बार हालात यह बने कि सरकार बड़ी मुश्किल से वेतन देने का पैसा जुटा पाई।

राज्य सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 14 हजार करोड़ रुपए का कर्ज बाजार से ले लिया है। मंगलवार को यह कर्ज बढ़कर 15 हजार करोड़ रुपए हो जाएगा। मार्च 2018 तक सरकार के ऊपर एक लाख 60 हजार करोड़ रुपए का कर्ज था। वहीं सरकार के निगम-मंडल और कंपनियों के ऊपर करीब 40 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है।

बाजार से कर्ज लेना राज्य सरकार की निरंतर प्रक्रिया का हिस्सा है। अभी जो कर्ज ले रहे हैं, वह वित्तीय नियंत्रण एवं बजट उत्तरदायित्व प्रबंधन कानून (एफआरबीएम एक्ट) के दायरे में है।

– मनोज गोविल, प्रमुख सचिव, वित्त विभाग

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