भोपाल। नगरीय निकाय चुनावों में महापौर, अध्यक्ष और पार्षद का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों द्वारा अपनी सम्पत्ति, अपराध की जानकारी छुपाना आसान नहीं होगा। यदि कोई शपथ पत्र देकर उम्मीदवारों द्वारा दी गई असत्य जानकारियों को उजागर करता है तो राज्य निर्वाचन आयोग भाी ऐसी जानकारियों को चुनाव के दौरान सार्वजनिक करेगा। सरकारी हेलीकॉप्टर, वायुयान के उपयोग के बाद कोई वसूली बाकी नहीं होने के लिए एनओसी भी उम्मीदवारों से ली जाएगी।

राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव डीवी सिंह ने सभी नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषदों में चुनाव से जुड़े अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए है। उन्होंने कहा है कि उम्मीदवारों द्वारा चुनाव के दौरान चुनाव लड़ने के लिए शपथ पत्र के जरिए दी गई जानकारी को लेकर यदि कोई शपथ पत्र के साथ शिकायत करता है कि उम्मीदवार ने अपने शपथ पत्र में गलत जानकारी दी है तो उसे रिटर्निंग आॅफीसर के नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित किया जाए और साथ ही मीडिया के माध्यम से प्रसारित भी किया जाएगा। कांग्रेस सरकार ने महापौर और अध्यक्ष के अप्रत्यक्ष चुनाव कराने विधि संशोधन 19 के तहत बदलाव किया था। अब भाजपा सरकार ने अध्यादेश 20 के तहत फिर प्रत्यक्ष चुनाव कराए जाने के निर्णय को शामिल करते हुए सभी उम्मीदवारों के लिए नामांकन पत्र के साथ स्टाम्प पेपर पर शपथ पत्र के साथ दी जाने वाली जानकारियो को शामिल करते हुए नामांकन पत्र जमा कराने के निर्देश दिए है। अब निकाय चुनावों में नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद में महापौर, अध्यक्ष और पार्षद पद के प्रत्येक उम्मीदवार को अपने नामांकन पत्र के साथ एक शपथ पत्र देना होगा। इसमें उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि, सम्पत्ति, दायित्व और शैक्षणिक योग्यता की जानकारी भी देना होगा।

यदि शपथ पत्र की कोई जानकारी उम्मीदवार के पास नहीं है तो उसे खाली नहीं छोड़ना होगा उसकी जगह निरंक लिखना होगा।  रिटर्निंग आॅफीसर जांच करेगा कि शपथ पत्र के सभी कॉलम भरे गए है या नहीं। यदि नहीं भरे होंगे तो रिटर्निग आॅफीसर उम्मीदवार को याद दिलाएंगे। याद दिलाने के बाद भी यदि उम्मीदवार किमसी कालम को भरने में असफल रहता है तो जांच के समय नामांकन पत्र खारिज कर दिया जाएगा।

उम्मीदवार को शपथ पत्र में शिक्षा, सम्पत्ति, अपराध, नगदी और दायित्वों की जानकारी के साथ सरकारी आवास का किराया, पानी, बिजली बिल, आयकर, धनकर, सेवाकर, नगर पालिका का सम्पत्ति कर, विक्रय कर बाकी नहीं रहने और सरकारी हेलीकॉप्टर, वायुयान के उपयोग के बाद कोई राशि वसूली योग्य नहीं होंने की जानकारी भी शपथ पत्र के साथ देना होगा। इसके अलावा यह भी बताना होगा कि उनके आवास में शौचालय है या नहीं।

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