नई दिल्ली/जयपुर: स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए केंद्र और राज्य सरकारें बड़े-बड़े दावे कर रही है, लेकिन इस बार राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ही इसकी चपेट में आ गए हैं. जयपुर के राजभवन में डॉक्टरों की टीम ने चेकअप के बाद राज्यपाल कल्याण सिंह को स्वाइन फ्लू से ग्रसित होने की पुष्टि की है. इसके बाद राज्यपाल को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में रेफर कर दिया गया है. सोमवार रात 11 बजे विशेष विमान से राज्यपाल कल्याण सिंह को दिल्ली लाया गया. सूत्रों ने बताया कि रात में ही दिल्ली में अपोलो अस्पताल की टीम ने राज्यपाल के नए सिरे से सैंपल लिए हैं. हालांकि राजभवन सहित चिकित्सा विभाग के तमाम अधिकारी राज्यपाल को स्वाइन फ्लू की पुष्टि करने से बच रहे हैं और मामले में चुप्पी साधे हुए हैं. राज्यपाल के ओएसडी अजय शंकर पांडे भी मामले में कुछ भी जानकारी देने से बच रहे हैं.
जानें क्या है स्वाइन फ्लू
स्वाइन फ्लू श्वसन तंत्र से जुड़ी एक बीमारी है. यह ए टाइप के इनफ्लुएंजा वायरस से फैलती है. इस वायरस को एच1 एन1 के नाम से जाना जाता है. मौसमी फ्लू में भी यह वायरस सक्रिय होता है. यह एक संक्रमण बीमारी होती है.
स्वाइन फ्लू से संक्रमित शख्स जब खांसते या छींकते हैं तो हवा में या जमीन पर या जिस भी सतह पर थूक या मुंह और नाक से निकले द्रव कण गिरते हैं, वह वायरस की चपेट में आ जाता है. यह कण हवा के जरिए या किसी के छूने से दूसरे व्यक्ति के शरीर में मुंह या नाक के जरिए प्रवेश कर जाते हैं.
मसलन, दरवाजे, फोन, कीबोर्ड या रिमोट कंट्रोल के जरिए भी यह वायरस फैल सकते हैं, अगर इन चीजों का इस्तेमाल किसी संक्रमित व्यक्ति ने किया हो. इसके वायरस सबसे ज्यादा सूअरों में पाए जाते हैं, जिससे ये फैलता हैं इसीलिए इसको स्वाइन फ्लू नाम दिया गया है.