इंदौर। कोरोना के मरीज के बारे में सूचना दिए बगैर उस की डेड बॉडी इंदौर से रतलाम भेजने का मामला तूल पकडता जा रहा है। रतलाम कलेक्टर रुचिका चैहान द्वारा इंदौर जिला प्रशासन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराए जाने के बाद रतलाम, इंदौर से लेकर भोपाल तक सनसनी फैल गई है। अब अधिकारी इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं, वहीं रतलाम और इंदौर का प्रशासन आमने-सामने आ गया है।
इस घटनाक्रम के मामले में कलेक्टर रतलाम रुचिका चैहान ने मुख्य सचिव एवं संभागायुक्त को पत्र भेजकर कहा है कि मृतक का कोरोना जांच के लिए सैंपल लिया गया है। इसकी जानकारी इंदौर जिला प्रशासन ने नहीं दी। लॉक डाउन और सीमा सील होने के बावजूद मृतक की देह रतलाम कैसे पहुंच गई। इस पर भी सवाल खडे किए हैं। मुख्य सचिव को भेजे पत्र में इस मामले में गंभीर त्रुटि का जिक्र कर रतलाम कलेक्टर ने कहा है कि शव का अंतिम संस्कार संभावित कोविड-19 पॉजिटिव मानकर नियत प्रोटोकॉल अनुसार कराया गया। उन्होंने अपने स्तर पर रतलाम ग्रामीण एसडीएम प्रवीण फूल पगारे को जांच अधिकारी नियुक्त किया है।
इस मामले में जब कलेक्टर रुचिका चैहान से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कहा कि अभी मीटिंग में व्यस्त हैं।
इस मामले में विधायक चेतन्य कश्यप ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान से उच्च स्तरीय जांच की मांग कर चुके हैं। उन्होने कहा है कि कोरोना पॉजिटिव मृतक का शव रतलाम लाए जाने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। शव का इंदौर से बिना जांच-पडताल रवाना होना व रतलाम जिले में सम्पूर्ण सीमाएं सील होने के बाद शहर तक आना गंभीर लापरवाही दर्शाता है।