भोपाल| (एजेंसी) मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री कमलनाथ होंगे| कांग्रेस विधायक दल की बैठक में कमलनाथ को अपना नेता चुना गया| सीएम बनाये जाने की घोषणा के बाद कमलनाथ ने कहा यह पद मेरे लिये मील का पत्थर है। इसी दिन 13 दिसम्बर को इंदिरा जी छिन्दवाड़ा आयी थी तब मुझे जनता को सौंपा था। कमलनाथ ने कहा मुझे विश्वास है मध्य प्रदेश का भविष्य सुरक्षित रहेगा, जनता का भरोसा टूटने नहीं दूंगा| प्रदेश की जनता और कार्यकर्ताओं का आभार| उन्होंने कहा ज्योतिरदित्य सिंधिया का धनयवाद जिन्होंने मेरा समर्थन किया। इनके पिताजी के साथ मेने काम किया। इसलिए इनके समर्थन पर ख़ुशी। अगला समय चुनौती का है, हम सब मिलकर हमारा वचन पत्र पूरा करेंगे। शपथ के बारे कमलनाथ ने कहा कल राज्यपाल से 1030 बजे मिलकर बताएँगे|
कमलनाथ ने कहा मुझे पद की कोई भूख नहीं। मेरी कोई माँग नहीं थी। मेने अपना पूरा जीवन बिना किसी पद की भूख के कांग्रेस पार्टी को समर्पित किया है। मेने संजय गांधी जी , इंदिरा जी , राजीव जी के साथ काम किया और अब राहुल गांधी के साथ काम कर रहा हू। बता दें कि यह अजब संयोग आज के दिन 13 दिसम्बर 1979 को इंदिरा गांधी ने अपने तीसरे बेटे के रुप में कमलनाथ को छिन्दवाडा की जनता को सौपा था| इसी तरीक को 13 दिसम्बर 2018 को कमलनाथ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री घोषित किये गए हैं|
कमलनाथ संगठन क्षमता में माहिर माने जाते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी उन्हें अपना तीसरा बेटा मानती थीं जिन्होंने 1979 में मोरारजी देसाई की सरकार से मुकाबले में मदद की थी। मध्य प्रदेश में कांग्रेस को सत्ता पहुँचाने में कमलनाथ की अहम् भूमिका रही है| 1980 में पहली बार सांसद बने। आठ बार से छिंदवाड़ा से सांसद हैं। हवाला केस में नाम आने के कारण मई 1996 के आम चुनाव में कमलनाथ चुनाव नहीं लड़ सके। इस हालत में कांग्रेस ने कमलनाथ की पत्नी अलका कमलनाथ को टिकट दिया जो विजयी रहीं। वहीं 1997 के फरवरी में हुए उप चुनाव में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा से 37,680 वोटों से हार गए। कमलनाथ पहली बार 1991 में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बने। वे कपड़ा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), केंद्रीय उद्योग मंत्री, परिवहन व सडक़ निर्माण मंत्री, शहरी विकास, संसदीय कार्य मंत्री बने।