इंदौर। एलआईजी क्षेत्र में बुधवार को 17 माह की अति कुपोषित बच्ची मिली है। बच्ची का वजन मात्र 4 किलो है। यह बच्ची पिछले 6 महीने से सूखे की बीमारी से जूझ रही है। इसके बावजूद महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की नजर इस पर नहीं पड़ी। सुबह इस बच्ची को चाइल्ड लाइन की टीम ने देखा तो इसकी जानकारी अधिकारियों को दी। इसके बाद उसे चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में भर्ती कराया। अस्पताल में बच्ची का वजन करने पर वह 4 किलो 90 ग्राम की निकली।

जानकारी मिलने के बाद स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने मौके पर पहुंचकर डाक्टरों को निर्देश देते हुए कहा कि बच्ची के देख-रेख में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। उसका इलाज मेरी बेटी की तरह ही करें।

शासन द्वारा चलाई जा रही तमाम योजनाओं के बावजूद स्मार्ट सिटी बनने जा रहे इंदौर में चाइल्ड लाइन की टीम को अतिकुपोषित बच्ची मिली है। यह बच्ची 17 महीने की है। उसका नाम रिमझिम पिता सचिन कुशवाहा है। वह एमआईजी क्षेत्र के सोमनाथ की चाल में रहती है। चाचा नेहरू अस्पताल में ही अगस्त में इस बच्ची को भर्ती किया था, लेकिन डाक्टरों ने बच्ची की छुट्टी ठीक होने के पहले ही कर दी।

महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को जानकारी होने के बावजूद बच्ची का इलाज विभाग के देखरेख में नहीं किया गया, जबकि बच्ची को टीका लगवाने मां एक माह पहले आंगनवाड़ी पहुंची थी, लेकिन कार्यकर्ता ने बच्ची को बीमार देख टीका लगाए बिना ही वापस भेज दिया।

सोमनाथ की नई चाल में सुबह चाइल्ड लाइन की टीम ने बच्ची को देखा और उसे चाचा नेहरू अस्पताल पहुंचाया। इस बच्ची को अगस्त 2018 में भी भर्ती किया गया था। इसे 10 दिन रखने के बाद उसकी छुट्टी कर दी गई, जबकि डॉक्टरों को भी इसका रिकॉर्ड रखना था और उसे सही करने की जिम्मेदारी पोषण पुनर्वास केन्द्र की है। इसके बाद फॉलोअप होना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

इस उम्र के बच्चों का वजन 10 से 11 किलो के बीच होना चाहिए। पूरे मामले के सामने आने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग पर सवाल खड़े हो गए हैं। 6 महीने से बच्ची की हालत खराब है। आंगनवाड़ी केन्द्र लगातार यहां आने वाली महिलाओं व बच्चों के आंकड़े व उनमें होने वाली बीमारी की जानकारी रखते हैं। इसके बावजूद परियोजना केन्द्र 6 के वार्ड 44 में चूक कैसे हो गई? बच्ची की जानकारी आंगनवाड़ी केन्द्र में दर्ज होने के बावजूद उसका फॉलोअप क्यों नहीं लिया गया?

चाइल्ड लाइन के जितेंद्र परमार ने बताया कि सुबह उन्हें बच्ची गली में मिली। मां भावना कुशवाहा की गोद में सोमनाथ की नई चाल में इस बच्ची को देखा तो मां से जानकारी ली। इसके बाद तत्काल इसकी जानकारी महिला बाल विकास विभाग के अफसरों और डॉक्टर को दी। इसे चाइल्ड लाइन के दफ्तर में लाया गया, फिर उसे अस्पताल ले जाया गया।

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