मुम्बई | बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त को बुधवार तड़के गुपचुप तरीके से आर्थर रोड जेल से पुणे के अति-सुरक्षित यरवडा केंद्रीय कारा में स्थानांतरित कर दिया गया। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कारावास), मीरन बोरवानकर द्वारा मंगलवार को निकट भविष्य में संजय को मुम्बई जेल से स्थानांतरित न किए जाने की बात कहने के बाद इसे आश्चर्यजनक कदम माना जा रहा है।

संजय के आत्मसमर्पण के अगले दिन उनके वकील ने विशेष टाडा अदालत में मौखिक रूप से अपनी बात रखी थी। संजय को उसी ‘अंडा’ बैरक में रखा गया था जहां 26/11 के दोषी अजमल आमिर कसाब को रखा गया था तथा संजय ने इस बैरक में हवा एवं रोशनी न होने की शिकायत की थी। 16 मई को उनके आत्मसमर्पण के पहले विशेष अदालत परिसर के बाहर उनके प्रशंसक और मीडियाकर्मी इक्कट्ठे हो गए जिससे सुरक्षा की चिंता खड़ी हो गई थी। पुलिस और जेल प्रशासन ने हालांकि, उनकी सुरक्षा के बेहतर इंतजाम किए थे। संजय ने कुछ अज्ञात कट्टरवादी संगठनों द्वारा उनकी हत्या किए जाने की आशंका जताई थी। अदालत ने एक महीने तक संजय को घर का बना खाना, दवाई, तीन गद्दे व एक तकिया दिए जाने की इजाजत दी थी लेकिन उनकी इलेक्ट्रिॉनिक सिगरेट की मांग ठुकरा दी गई।1993 मुम्बई धमाके में हथियार अधिनियम के अंतर्गत दोषी पाए गए संजय ने 18 महीने की कैद पहले ही पूरी कर ली है। सर्वोच्च न्यायालय ने मार्च महीने में उनकी सजा छह साल से घटा कर पांच साल कर दी थी। उन्हें जेल में 42 महीने बिताने हैं।सर्वोच्च न्यायालय ने महीने की शुरुआत में फिल्म की शूटिंग पूरी करने के सम्बंध में आत्मसमर्पण की तारीख आगे बढ़ाने के लिए दायर की गई उनकी समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया था। राज्य की सबसे बड़ी तथा एशिया की सबसे बड़ी जेलों में से एक यरवडा जेल में संजय 42 महीने बिताएंगे। कभी इस जेल में महात्मा गांधी और अन्ना हजारे भी रह चुके हैं।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *