भोपाल। लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान से पहले साध्वी प्रज्ञा की बयानबाजी से प्रदेश और देश की सियासत में बवाल मच गया| साध्वी ने महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया और फिर जब बीजेपी पर हमले हुए तो साध्वी ने इस पर माफ़ी भी मांग ली| वहीं बीजेपी ने शुरुआत से इस बयान से खुदको अलग कर साध्वी को अकेला छोड़ दिया| पार्टी के राष्ट्रिय अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुलकर इस बयान की निंदा की| लेकिन कांग्रेस इससे संतुष्ट नहीं है| मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है और कहा है कि मोदी साध्वी प्रज्ञा को भले माफ करे या ना करे लेकिन देश की जनता उन्हें बापू के हत्यारे व शहीद हेमंत करकरे पर दिये बयान पर कभी माफ नहीं करेगी। हिम्मत है तो पीएम मोदी उन्हें पार्टी से बाहर करने का साहस दिखाये|
प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर भाजपा हाईकमान की सफाई आने के बाद कमलनाथ ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर पीएम मोदी से सवाल पूछे। ट्वीट के जरिए कमलनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री भोपाल प्रत्याशी को भले माफ करें या ना करें, लेकिन देश की जनता उन्हें बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे व शहीद हेमंत करकरे पर दिये बयान पर कभी माफ नहीं करेगी। देश की जनता सच्चाई जानती है कि प्रधानमंत्री ने ही उन्हें पार्टी का उम्मीदवार बनाया है, हिम्मत है तो वे उन्हें पार्टी से बाहर करने का साहस दिखाएं। अन्य ट्वीट में लिखा कि ‘मोदी जी की साध्वी प्रज्ञा को लेकर कही बात पूरी तरह से झूठी है,2015 में भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने भी गोडसे को देशभक्त बताया था। तब भी भाजपा ने ऐसी ही बातें की थी। 2019 में उन्हें फिर टिकट दिया गया, अमित शाह भी उनका प्रचार करने गए। बापू के हत्यारे के बारे में भाजपा की यही सोच है
मुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में भी मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘पार्टी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के गोडसे पर दिए बयान से सिर्फ चुनाव को देखते हुए किनारा कर रही है। यदि चुनाव बाकी न होते तो पूरी भाजपा अपने प्रत्याशी के इन बयानों पर उनके साथ खड़ी होती, क्योंकि यही भाजपा की भी सोच है’।