कानपुर | प्रधानमंत्री ने राजनीतिक दलों को दो हजार रुपये से अधिक के चंदा पर नाम जाहिर नहीं करने की मिली छूट पर प्रतिबंध लगाने के चुनाव आयोग के प्रस्ताव का स्वागत किया है। उन्होंने सोमवार को इसे चुनावी प्रक्रिया में कालाधन को रोकने के मकसद को लागू करने का उपाय करार दिया।
उत्तर प्रदेश के इस औद्योगिक शहर में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने विपक्ष पर संसद में राजनीतिक चंदे के मुद्दे पर बहस से बचने का आरोप लगाया और चुनाव आयोग से चुनाव सुधारों के अपने प्रयास को जारी रखे।
मोदी ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र के पहले मैंने राजनीतिक चंदे पर बहस करने का आग्रह किया था। राजनीतिक दलों के चंदे को लेकर जनता को भरोसा नहीं है और हमें हर हाल में इस पर इस मुद्दे पर बहस करने की जरूरत है कि किस तरह से इस अविश्वास को दूर किया जाए।
उन्होंने कहा कि लोगों को राजनीतिक चंदे को लेकर राजनेताओं पर भरोसा नहीं है और यह हमारी जवाबदेही है कि यह सुनिश्चित करें कि उनके पास चंदे को लेकर राजनीतिक दलों पर अंगुली उठाने का कोई कारण नहीं है।
मोदी ने कहा कि वह और उनकी भारतीय जनता पार्टी पूरे दिल से चुनाव आयोग की हाल की संस्तुति का स्वागत करते हैं जिसमें उसने वर्तमान में 20 हजार रुपये की जगह अज्ञात व्यक्ति से चंदा लेने की सीमा 2 हजार रुपये करने की संस्तुति की है।
उन्होंने लोकसभा और विधानसभा का चुनाव साथ-साथ कराने की वकालत की और इस पर भी संसद में विपक्ष के बहस से भागने को लेकर आलोचना की।
उन्होंने कहा, “मैंने आम चुनाव और विधानसभा चुनाव साथ-साथ कराने की संभावना पर बहस करने का आह्वान किया था। अलग-अलग समय पर चुनाव होने से न केवल भ्रष्टाचार की गुंजाइश रहती है बल्कि इससे विकास भी रुक जाता है और लोगों के बीच तनाव पैदा होता है। ”
उन्होंने कहा, “लेकिन इन दोनों महत्वपूर्ण मुद्दों पर कोई बहस नहीं हुई क्योंकि विपक्ष ने संसद चलने ही नहीं दी। उन्होंने ऐसा इस वजह से किया क्योंकि वे इस पर बहस से बचे रहना चाहते थे।”
मोदी ने कहा, “मैंने कहा कि इस पर चर्चा करें कि राजनीतिक दलों को किस तरह से चंदा लेना चाहिए।”
उन्होंने चुनाव आयोग से राजनीति से काला धन को खत्म करने के अपने प्रयास को जारी रखने को कहा। मोदी ने भरोसा जताया कि आयोग की संस्तुतियों को लागू करना देश के हित में है।
मोदी ने कहा, “मैं चुनाव आयोग से आग्रह करता हूं कि इसे आगे बढ़ाएं, दलों पर दबाव डालें..हमारी सरकार देश हित में जो भी फैसला लिया जाएगा, उसे लागू करेगी।”

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