वॉशिंगटन… चीन के मामलों के एक टॉप अमेरिकी एक्सपर्ट ने कहा है कि पीएम मोदी चीन के ‘बेल्ट ऐंड रोड’ परियोजना के खिलाफ खड़े होने वाले विश्व के एकमात्र नेता हैं। अमेरिकी एक्सपर्ट ने कहा है कि हाल तक अमेरिका भी चीन के इस महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट पर चुप्पी साधे हुए है। अमेरिका के प्रतिष्ठित थिंक-टैंक हडसन इंस्टिट्यूट के सेंटर ऑन चाइनीज स्ट्रैटिजी के डायरेक्टर माइकल पिल्स्बरी ने ये बातें अमेरिकी सांसदों के समक्ष कहीं हैं। माइकल ने कहा कि मोदी और उनकी टीम चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के इस महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट के खिलाफ मुखर रही है। पिल्स्बरी ने कहा कि कुछ हद तक ऐसा इसलिए भी है क्योंकि चीन का यह प्रॉजेक्ट भारतीय संप्रभुता के दायरे का भी उल्लंघन है।

उन्होंने अमेरिकी सरकार को भी चुप्पी साधे रखने के लिए घेरा है। पिल्स्बरी ने कहा कि बेल्ट ऐंड रोड पहल की शुरुआत के 5 साल हो चुके हैं। शुरुआती समय को छोड़ दिया जाए तो अमेरिकी सरकार इसपर खामोश ही रही है। हालांकि पेंटागन के इस पूर्व अधिकारी ने नई इंडो-पसिफिक स्ट्रैटिजी के लिए ट्रंप प्रशासन की तारीफ भी की है।

उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में लोगों ने ट्रंप प्रशासन और खुद राष्ट्रपति द्वारा ‘मुक्त और खुले’ इंडो-पसिफिक इलाके बारे में 50 से अधिक बार सुना है। उन्होंने कहा कि चीन इस कॉन्सेप्ट को लेकर हमलावर है और उसे यह बिल्कुल पसंद नहीं। गौरतलब है कि ‘बेल्ट ऐंड रोड’ चीन की महत्वकांक्षी परियोजना है जिसकी मदद से वह दुनिया के दूसरे हिस्सों को जोड़ते हुए आर्थिक कॉरिडोर बनाना चाहता है। इसमें 50 बिलियन डॉलर का चाइना-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) भी शामिल है। यह कॉरिडोर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरना है। भारत ने इसपर आपत्ति जताई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *