जबलपुर. नर्मदा यात्रा ही ऐसी यात्रा है जिसे परिक्रमा से जोड़ा गया है। नर्मदा परिक्रमा से अहंकार चूर-चूर हो जाता है। अहंकार करने वाले को मां नर्मदा जमीन पर लाकर खड़ा कर देती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को यह बात 146 दिन चली नर्मदा सेवा यात्रा के समापन के मौके पर नर्मदा नदी के उद्‌गम पर आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कही।मोदी ने कहा कि मां नर्मदा ने हमें हजारों सालों से बचाए रखा है। हमें जीवन दिया है, लेकिन कुछ लोगों ने अपने स्वार्थ के लिए इसे जितना लूट सकते थे लूट लिया। अब वक्त आ गया है यदि नदियों की रक्षा का दायित्व नहीं निभाया जाएगा तो सभ्यता को नुकसान होगा।मोदी ने कहा- ‘इतिहास इस बात का गवाह है कि कई नदियां लुप्त हो गई हैं। केरल की ‘भारत पूजा’ नदी का जिक्र करते हुए उन्होंने चिंता जताई कि इस नदी के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमारे पूर्वजों ने नदियों को बचाने का जो यज्ञ किया उसका लाभ हमें मिला इसलिए यदि हम इन्हें बचाएंगे तो भावी पीढ़ी उसे याद करेगी।’मप्र की कार्ययोजना अन्य राज्यों में लागू होगी
प्रधानमंत्री मोदी ने नदियों के संरक्षण पर मध्यप्रदेश सरकार की ओर से तैयार एक कार्ययोजना जारी की। उन्होंने इसे भविष्य के विजन का पुख्ता दस्तावेज करार देते हुए कहा कि अन्य राज्यों को भी इसे नमूने के तौर पर लेकर अपनी अपनी योजना बनानी चाहिए। उन्होंने इस कार्ययोजना को समयबद्ध तरीक से लागू करने को कहा।गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान की ओर से शिवराज का आभार
नर्मदा सेवा यात्रा को पूरी तरह सफल करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात का होने के नाते वह नर्मदा की एक-एक बूंद की कीमत समझते हैं। नर्मदा के संरक्षण के इस प्रयास के लिए उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान के किसानों की ओर से आभार व्यक्त किया। मोदी ने इस मौके पर ‘नर्मदे सर्वदे’ का नया नारा भी दिया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि 15 मई 2018 को नर्मदा कार्ययोजना के लक्ष्यों की समीक्षा करके रिपोर्ट कार्ड जारी किया जाएगा।

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