भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के एक बयान से पूरे प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया में कुछ भी परमानेंट नहीं है। मैं जा रहा हूं लेकिन ये मुख्यमंत्री की कुर्सी है और इस पर कोई भी बैठ सकता है। सीएम के इस बयान के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं क्योंकि सीएम सुबह ही दिल्ली से लौटे हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल के प्रशासन अकादमी में आनंद विभाग के व्याख्यान में बोल रहे थे। अपने संबोधन में सीएम ने आनंद विभाग और सरकार के कामों से जुड़ी कई बातें की लेकिन संबोधन के अंत में उन्होंने मंच पर रखी अपनी खाली कुर्सी की ओर इशारा करते हुए कहा कि दुनिया में दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं रहता.. मैं तो जा रहा हूं लेकिन मुख्यमंत्री की इस कुर्सी पर कोई भी बैठ सकता है। हालांकि सीएम शिवराज ने ये बातें हंसते हुए कही लेकिन राजनीतिक जानकार उनके इस बयान को बेहद महत्वपूर्ण और प्रदेश भाजपा में परिवर्तन के संकेत के तौर पर ले रहे हैं।
राजनीतिक जानकार ये भी कह रहे हैं कि पिछले कुछ समय से प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था, किसान आंदोलन, दलित आंदोलन के बाद बनीं स्थिति से सीएम शिवराज सिंह पर दबाव देखा जा रहा है। पार्टी के अंदरुनी सर्वे से भी शिवराज चिंतित नजर आ रहे हैं। ऐसे में पार्टी ने उन्हें नेतृत्व परिवर्तन के संकेत दे दिए हैं। हालांकि एक खेमा ये भी कह रहा है कि पार्टी सीएम शिवराज को राष्ट्रीय राजनीति में प्रमोट कर सकती है, ऐसे में परिवर्तन संभव है।
इस साल के अंत में प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में सीएम शिवराज सिंह का ये बयान काफी बड़ा माना जा रहा है और इसने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है।
सीएम के इस बयान के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। भाजपा जहां इसे सामान्य बयान बता रही है, वहीं कांग्रेस के मुताबिक सीएम के बयान से स्पष्ट है कि भाजपा ने चुनाव के पहले ही हार स्वीकार कर ली है।