ग्वालियर। कथा व्यास श्री श्री 1008 योगशिला पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर महंत वैष्णवी प्रज्ञा भारती ने आज श्रीमद् भागवत् कथा में नंदोत्सव एवं पूतना वध का विस्तार से कथा का श्रवण कराया। उन्होंने कहा कि आप दूसरों के दुखों को अपना दुख मानकर साथ दो आपके सारे दुख दूर हो जाएंगे। नंद के आनंद मयो जय कन्हैया लाल की। उन्होंने श्रीकृष्ण भगवान के बचपन की लीलाओं को विस्तार से सुनाया।
श्रीमद् भागवत् कथा के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य प्रभात झा ने वेद व्यास पीठ एवं प्रज्ञा भारती का पुष्प गुच्छ से स्वागत किया। इस मौके पर न्यास के स्वागाध्यक्ष एवं संरक्षक डाॅ. सतीष सिंह सिकरवार, संयोजक पं. विजय कब्जू, मानवेन्द्र सिंह सिकरवार (गांधी), डाॅ. राम पाण्डे ने प्रभात झा का स्वागत किया। श्रीमद् भागवत कथा में छप्पन भोग लगाया गया। महिलाओं ने मंेहदी व हल्दी के साथ महिला संगीत का आयोजन किया।
उन्होंने कहा कि पूतना एक महिला दैत्य थी जिसका प्रसंग पुराण में आता हैं। कंस ने मथुरा के राजा वासुदेव से उनका राज्य छीनकर अपने अधीन कर लिया तथा स्वयं शासक बनकर अत्याचार करने लगा। एक भविष्यवाणी द्वारा उसे पता चला कि वासुदेव और देवकी का आठवां पुत्र उसके विनाष का कारण होगा। यह जानकर कंस व्याकुल हो उठा और उसने वासुदव तथा देवकी को कारागार में डाल दिया। कारागार में जन्म लेने वाले देवकी सात पुत्रों को कंस ने मौत के घाट उतार दिया। आठवें पुत्र के रूप में कृष्ण का जन्म हुआ और उनके प्रताप से कारागार के द्वार खुल गये। वासुदेव रातों रात कृष्ण को गोकुल में नंद और यषोदा के घर पर रखकर उनकी नवजात कन्या को अपने साथ लेते आए।
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं सांसद प्रभात झा ने साध्वी जी की अनुमति से श्रीमद् भागवत कथा के मंच से अपने उद्बोधन में कहा कि प्रज्ञा भारती समाज में अध्यात्मिक चेतना का काम रही हैं। डाॅ. सतीष सिंह सिकरवार की जितनी तारीफ की जाए वो कम हैं, वह समाज सेवा के साथ-साथ कई अनूठे आयोजन करते हैं। यह स्वर्णिम कार्यक्रम है। श्रीमद् भागवत कथा की मंच से प्रज्ञा भारती ने कहा कि श्री झा ने मुझे नर्मदा यात्रा के दौरान कहा कि भोपाल मिलंूगा, मगर संयोग देखिए की आज गालव ऋषि की तपोभूमि पर ही मुलाकात हो गई। मैं 1990 से ग्वालियर आ रही हूं तब झा मेरे इंटरव्यू लेते थे और जन-जन तक पहुंचाते थे। मैं उनकी उन्नति, दीर्घायु एवं यषस्वी जीवन की कामना करती हूं। वे ग्वालियर का नाम रोशन करते रहेंगे।