मुरैना। मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के गामीण क्षेत्रों में वैश्विक महामारी कोरोना के प्रति लोगों में जागरूकता देखने में आयी है और उन्होंने महामारी को गांव में फैलने से रोकने के लिये किसी भी बाहरी व्यक्ति का गांव में प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। जिले में ऐसे लगभग एक दर्जन गांव हैं, जहां ग्रामीणों ने गांव के प्रवेश द्वार पर बेरीकेड्स और नाके खड़े कर दिए और वहां चौबीस घंटे बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर ग्रामीण निगरानी रखते हैं। गांव का कोई भी व्यक्ति अगर अन्य राज्य में कार्यरत है और वह इस दौरान वहां से गांव लौटता है, तो उसे गांव में प्रवेश नहीं दिया जाता है और उसके ठहरने व खाने की व्यवस्था गांव के बाहर की जाती है।
उसके वहां छह सात दिन रुकने के बाद उसमें कोरोना के कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते तभी उसे गांव में प्रवेश दिया जाता है। यहां पहुंची सूचनाओं के अनुसार जिले में ऐसे आधा दर्जन गांव जैसे नूराबाद, दावत पूरा, संगोली व नन्द का पूरा प्रशासन ने चिन्हित किये हैं, जहां पर ग्रामीणों की जागरुकता से अभी तक वैश्विक महामारी कोरोना प्रवेश नहीं कर सकी है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इन गांवों के ग्रामीण कोरोना गाइड लाइन का खुद पालन करते हैं और दूसरे ग्रामीणों को भी इस पर अमल करने के लिये प्रेरित करते हैं।
जिले के पोरसा तहसील के दो हजार से अधिक की आबादी वाले नन्द का पूरा निवासी आशीष तोमर और विजय पाल सिंह तोमर के अनुसार गांव में ग्रामीणों की जागरूकता के कारण कोरोना की आई पहली लहर में भी कोरोना से कोई भी व्यक्ति प्रभावित नहीं हुआ और इसी कारण कोरोना की दूसरी लहर में भी पूरी तरह से सावधानी बरती जा रही है। मुरैना जिले के नगरीय इलाकों में कोरोना संक्रमण के काफी मामले सामने आ रहे हैं और प्रशासन ने कोरोना कफर्यू को काफी सख्ती से लागू किया है।