भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 27 साल की प्रियंका ने अब अपने भाई बहनों समेत इच्छा मृत्यु की मांग की है। मां की मौत से दुखी प्रियंका ने एक वीडियो जारी कर कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामा भांजी के नाम को बहुत प्रसिद्ध किया, लेकिन उनकी भांजी भटक रही है। उसकी मां की मौत जेपी अस्पताल में हो गई। कोरोना वार्ड में भर्ती थी। रिपोर्ट पता नहीं क्या रही, लेकिन मौत के बाद भी सुकून नहीं मिला।

अस्पताल में उनकी मां की लाश को छुआ तक नहीं। वह खुद ही अपने चाचा के साथ शव को लेकर पूरे अस्पताल में भटकती रही। अंतिम संस्कार भी उन्होंने खुद ही किया। इससे पहले प्राइवेट अस्पताल में उनकी मां के इन इलाज के नाम पर 50-50 हजार रुपए भी लिए गए। मां ही हम चार भाई बहनों का सहारा थीं। उनकी मौत के बाद अब हमारे पास कोई रास्ता नहीं बचा है। मैं सबसे बड़ी हूं। तीनों भाई बहन उससे छोटे हैं। अब उस पर उनकी जिम्मेदारी है। जांच की बात कही गई, लेकिन आज तक किसी का फोन नहीं आया।

प्रियंका ने कहा कि वह भोपाल के कोलार रोड रहती है। मां भोपाल कोऑपरेटिव सेंट्रल बैंक कोटरा सुल्तानाबाद ब्रांच में कार्यरत थीं। प्राइवेट अस्पतालों उसकी माता संतोष रजक को कोरोना संक्रमित होने का कहकर 50-50 हजार रुपए लिए गए। भोपाल कलेक्टर से मिलने के बाद किसी तरह मां को अच्छे इलाज के लिए जेपी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन यहां तो मरीज को देखने तक वाला कोई नहीं था। ऑक्सीजन की सप्लाई अस्पताल में कभी भी रात को बंद कर दी जाती थी। 24 सितंबर 2020 की शाम मां की मौत हो गई। हमारी मां के मरने के बाद भी सुकून नहीं मिला।

मां की डेड बॉडी को अस्पताल प्रबंधन ने लावारिस की तरह ऐसे ही छोड़ दिया। हम खुद अकेले अपनी मां को कपड़े पहनाते है। पीपीई किट लपेटकर स्ट्रेचर के पर मां की बॉडी को अकेले शव घर तक ले जाना पड़ा। अस्पताल प्रबंधन से किसी भी प्रकार की मदद नहीं की। करीब 8 साल पहले पापा की मौत के बाद हम चारों भाई बहनों का भार मां पर ही था। प्रशासन की तरफ से किसी भी प्रकार की कोई भी सहायता नहीं की गई। मामले की जांच कर अस्पताल प्रबंधन पर एफआईआर दर्ज की जाना चाहिए। अगर हमें न्याय नहीं मिलता है, तो अब हमारे पास मरने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है। हम सभी भाई बहनों को इच्छा मृत्यु दी जाए।

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