ग्वालियर । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की अत्यंत पिछड़ी जनजातियों में शुमार सहरिया जनजाति के प्रतिनिधियों से रविवार की देर रात सीधा संवाद किया। श्योपुर जिले के सेसईपुरा ग्राम में आयोजित हुए सहरिया विकास विमर्श में उन्होंने सहरिया प्रतिनिधियों के सुझाव लिए और उन पर अमल का भरोसा दिलाया। कार्यक्रम में केन्द्रीय पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर भी मौजूद थे।
सेसईपुरा कूनो रेस्टहाउस परिसर में आयोजित हुए सहरिया विकास विमर्श में ग्वालियर एवं चंबल संभाग में निवासरत सहरिया जनजाति के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विचार विमर्श में एक सहरिया प्रतिनिधि द्वारा दिए गए सुझाव को सही बताया और कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता सुधार को ध्यान मे रखकर आठवीं कक्षा तक की परीक्षाएँ ली जायेंगीं। साथ ही शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के उद्देश्य से 15 से 20 गाँव के बीच एक उत्कृष्ट विद्यालय विकसित किया जायेगा। उन्होंने भाषायी शिक्षकों की नियुक्ति का भरोसा भी दिलाया। जिससे प्रदेश में सभी भाषायें जीवित रहें।
मुख्यमंत्री ने वनाधिकार के पट्टों से संबंधित सुझाव पर कहा कि दिसम्बर 2006 से पहले से जो लोग वन भूमि पर काबिज हैं। इसका परीक्षण अधिकारी एवं जिले के जनप्रतिनिधिगण कर लें, जिससे पात्र लोगों को वन भूमि का पट्टा दिया जा सके। उन्होंने इसके लिये ग्वालियर-चंबल संभाग में विशेष अभियान चलाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि सिंचाई सुविधा बढ़ाने के लिये सहरिया बाहुल्य क्षेत्र में छोटे-छोटे तालाब व स्टॉपडेम बनाए जायेंगे। साथ ही पुराने कुँओं का जीर्णोद्धार भी कराया जायेगा। श्री चौहान ने कहा सरकार सिंचाई के लिये सहरिया परिवारों को नि:शुल्क डीजल पम्प भी देगी। इस मौके पर उन्होंने सहरिया प्रतिनिधियों को यह भी भरोसा दिलाया कि विभिन्न समितियों मे सहरिया जनजाति को भी उचित प्रतिनिधित्व दिया जायेगा। रोजगार पलायन पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार के लिये पलायन एक मानवीय पहलू है। मगर प्रदेश सरकार पलायन को रोकने के लिये स्थानीय स्तर पर रोजगार के पर्याप्त अवसर मुहैया करायेगी। श्री चौहान ने सहरिया समाज द्वारा चलाए जा रहे नशामुक्ति अभियान की मुक्त कंठ से सराहना की।
स्थायी जाति प्रमाण-पत्र के संबंध में प्राप्त सुझावों पर अमल करने की बात भी मुख्यमंत्री ने कही। उन्होंने कहा कि सर्वे कराकर जाति प्रमाण-पत्र की समस्या का उचित समाधान निकालेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा आदिवासी की जमीन बिना सक्षम अनुमति के कोई भी गैर आदिवासी नहीं खरीद सकता। यदि ऐसा कहीं हुआ है तो उसकी जाँच कराई जायेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी को कदापि नहीं बिकने देंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जुलाई माह से आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से मात्र 200 रूपए प्रतिमाह बिजली बिल लिया जायेगा। इसके ऊपर की राशि सरकार भरेगी। उन्होंने विद्युत वितरण कंपनी के अधीक्षण यंत्री से चर्चा के बाद घोषणा की कि श्योपुर जिले में बिजली विहीन 158 मजरे टोलों को 31 अक्टूबर तक बिजली से रोशन कर दिया जायेगा। उन्होंने सहरिया बाहुल्य क्षेत्रों में पेयजल समस्या का स्थायी समाधान का भरोसा भी दिलाया।
सहरिया विकास विमर्श में विधायक दुर्गालाल विजय व प्रहलाद भारती, जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती कविता मीणा, करहल जनपद की अध्यक्ष श्रीमती रामदासीवाई, पूर्व विधायक बाबूलाल मेवरा तथा अशोक गर्ग व महावीर सिंह सीसोदिया सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, चंबल संभाग के कमिश्नर डॉ. एम के अग्रवाल, आईजी संतोष कुमार सिंह, डीआईजी सुधीर बी लॉड, कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन, पुलिस अधीक्षक डा. शिवदयाल सिंह, सीईओ जिला पंचायत ऋषि गर्ग, त्रिस्तरीय पंचायतो के पदाधिकारी, जिला और संभाग के सहरिया समुदाय के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।