ग्वालियर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को ग्वालियर-चंबल संभाग का हवाई सर्वेक्षण कर यहां औद्योगिक विकास की संभावनाओं का जायजा लिया। इस दौरान वे ग्वालियर जिले के मोहना, भिंड जिले के कीरतपुर एवं मुरैना के जखौदा ग्राम में हेलीकॉप्टर से उतरे और उपलब्ध भूमि की जानकारी ली। इन तीनों स्थानों में कुल १८०० एकड सरकारी भूमि औद्योगिक विकास के लिये आरक्षित की गई है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि खेती की एक भी जमीन नहीं ली गई। इन क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा उद्योग लाने के लिये इन्दौर में आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में प्रयास किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में सड़क एवं रेल मार्ग, पानी, बिजली आदि की बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं। साथ ही उद्योगों के लिये अन्य जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन क्षेत्रों में उद्योग स्थापित होने से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। इसमें पचास फीसदी स्थानीय लोगों को रोजगार देने की शर्त रहेगी।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से जमीन एवं उपलब्ध संसाधनों की जानकारी ली। उन्होंने मोहना के पास ग्राम टीकुला से लगी शिवपुरी जिले में स्थित भेड फार्म की जमीन में से फार्म के लिये आवश्य जमीन छोड़कर शेष जमीन उद्योग के लिये आरक्षित करने के लिये अधिकारियों को निर्देश दिया। हवाई सर्वेक्षण के दौरान मुख्यमंत्री के साथ मुरैना के सांसद नरेन्द्र सिह तोमर, मुख्य सचिव आर. परशुराम, कमिश्नर ग्वालियर संभाग एस बी सिंह एवं चंबल कमिश्नर ए के शिवहरे मौजूद थे।

*    ग्वालियर जिले के मोहना के पास ग्राम टीकुला में कुल ५५० हेक्टर जमीन आरक्षित। जिसमें ग्राम ओबरा की १३४.९७८ हेक्टर, उम्मेदगढ की १०७.२४० हेक्टर, ग्राम करही की ८४.०१२ हेक्टर एवं आरोन की ९०.२७६ हेक्टर भूमि शामिल है। इसमें ३४० हेक्टर हेक्टर वनभूमि शामिल है, जिसके बदले वन विभाग को ४१६.९५६ हेक्टर राजस्व भूमि दी जायेगी।
*    इस क्षेत्र में उद्योग लगने से लगभग ४२ हजार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
*    मुरैना जिले के ग्राम जखौदा में ३८५.८७१ हेक्टर भूमि आरक्षित की गई।
*    भिंड जिले के कीरतपुर में १९७ हेक्टर भूमि आरक्षित की गई।

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